नई दिल्ली.
विश्व में आज मोटापा तेजी से पैर पसार रहा है. इसका असर अब बच्चों पर भी खूब दिख रहा है. हालात ऐसे हैं कि, बच्चों में तेजी से मोटापा बढ़ रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि, यदि जल्द ही बच्चों के मोटापे पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह एक महामारी बन जाएगा. इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट की मानें तो दुनिया में सिर्फ पांच वर्ष से कम उम्र के ही 3.8 करोड़ बच्चे मोटोपे का शिकार हैं. जबकि, भारत में अधिक वजन वाले बच्चों की संख्या 1.8 करोड़ से ज्यादा है. इस संख्या में हर माह बढ़ोत्तरी हो रही है.

बता दें कि, भारत पहले ही वयस्कों केे मोटापे के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल है. सन 2016 के आंकड़े देखें तो करीब 13.5 करोड़ भारतीय मोटापे से ग्रसित मिले थे. इसके बाद भी मोटापे से निपटने के लिए भारत में कोई तैयारी नहीं है. यही वजह है कि, विश्व के 183 देशों की सूची में भारत मोटापे के मामले में 99 वें स्थान पर है.
तो 2.7 करोड़ बच्चे मोटापे का शिकार
यूनिसेफ के वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस के मुताबिक, भारत में 2030 तक 2.7 करोड़ से अधिक बच्चे मोटापे का शिकार हो सकते हैं. जिसका मतलब यह है कि, विश्वस्तर पर मोटापे के शिकार हुए बच्चों में हर दस में से एक बच्चा भारत से होगा. इसके साथ ही अधिक वजन और मोटापे से होने वाला आर्थिक प्रभाव सन 2019 में 23 अरब डॉलर था. जो सन 2060 तक बढ़कर 479 अरब डॉलर होने की उम्मीद है.
मोटापे की वजह
- बच्चों का शरीरिक गतिविधियों से दूर होना.
- बच्चों का देर तक जागना और सुबह देर तक सोना.
- बच्चों का देर रात में खाना खाने की वजह.
- बच्चों का जंकफूड का सेवन अधिक करना.
- बच्चों का फोन या कम्प्यूटर अधिक समय बिताना.
बच्चों का यूं करें मोटापे से बचाव
- बच्चों को पौष्टिक और संतुलित आहार दें.
- बच्चों को जंक फूड व सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूर रखें.
- शारीरिक गतिविधियां जीवनशैली का हिस्सा बनाएं.
- बच्चों को समय पर सोने और उठने की आदत डलवाएं.