आगरा.
ताजनगरी में इंडियन एसोसिएशन ऑफ सर्जिकल आंकोलाजी की फतेहाबाद स्थित होटल मुगल शेरेटन में नेशनल कॉन्फ्रेंस मिडकॉन 23 चल रही है. जिसमें देशभर से 150 से अधिक कैंसर रोग विशेषज्ञ और सर्जन आए हैं. जो कैंसर पर मंथन कर रहे हैं. कांफ्रेस में चैन्नई के कैंसर इंस्टीटयूट के एचओडी कैंसर सर्जन प्रो. डाॅ. अरविंद कृष्णमूर्ति आए. उन्होंने बताया कि, वैसे कैंसर की वजह तंबाकू, स्मोकिंग और एल्कोहल हैं. मगर, अब मोटापा भी कैंसर की बडी वजह है. बॉडी मॉस इंडेक्स (बीएमआई) यदि 25 से ज्यादा है तो मोटापा यानी ओवरवेट से भी लोगों में 13 तरह के कैंसर हो रहे हैं. इस बारे में डब्ल्यूएचओ भी खुलासा कर चुका है. ओवरवेट की वजह से लोगों में सिर से पांव तक कैंसर हो रहे हैं.

कैंसर सर्जन प्रो. डाॅ. अरविंद कृष्णमूर्ति बताते हैं कि, मोटापा से ब्रेन कैंसर, थायराॅइड कैंसर, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, पेट का कैंसर, लिवर कैंसर, गाॅलब्लेडर कैंसर, महिलाओं में यूट्रस कैंसर, खून में कैंसर भी मोटापे की वजह से हो रहे हैं. इसको लेकर रिसर्च भी हो रही हैं. इसलिए, लोगों को अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए. खानपान में बदलाव करें. फाइबर युक्त भोजन करें. जिससे मोटापा नियंत्रित होगा.
देर से शादी भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण
कैंसर सर्जन प्रो. अरविंद कृष्णमूर्ति बताते हैं कि, आज महिलाओं में सबसे आम ब्रेस्ट कैंसर है. इसकी सबसे बड़ी वजह युवतियों की देर से शादी करना भी है. प्रकृति ने स्तनपान के लिए महिलाओं की खास उम्र नियत की है. ऐसा न होने पर भविष्य में ब्रेस्ट कैंसर जैसी स्थिति पैदा होती है. इसके साथ ही तमाम ऐसी भी महिलाएं हैं. जो बच्चों को स्तनपान ही नहीं कराती हैं. जिससे भी कैंसर हो रहा है.
25 % मरीज मुंह (ओरल) कैंसर
कैंसर सर्जन प्रो. अरविंद कृष्णमूर्ति बताते हैं कि, देश में तेजी से कैंसर मरीजों का ग्राफ बढ़ रहा है. जिसमें सबसे ज्यादा मुख कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मरीज हैं. आंकड़ों की बात करें तो देश में हर साल कैंसर के 12 से 15 लाख नए मरीज मिल रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा 25 % मरीज मुंह (ओरल) कैंसर के हैं.
यूं समझें मोटापा का कैंसर कनेक्शन
बता दें कि, शरीर की चर्बी एक जगह नहीं बैठती है. यह चर्बी शरीर के बाकी हिस्सों को सिग्नल भेजती है. यही सिग्नल हमारे शरीर में मौजूद सेल्स को विभाजित करते हैं. जिससे कैंसर की बीमारी हो सकती है. फैट की ओर से दिए गए सिग्नल शरीर को ऐसे प्रभावित कर सकते हैं.
ग्रोथ हार्मोन: जब शरीर में बहुत ज्यादा फैट होता है तो ग्रोथ हार्मोन का लेवल बढ़ा सकता है. जिससे सेल्स में बार विभाजन होता सकता है. जिससे ही कैंसर की सेल्स पैदा होने की आशंका बढ़ती है.
सूजन: जब किसी के शरीर में ज्यादा फैट सेल्स हैं. इसकी वजह से इम्यून सेल्स डेड फैट सेल्स को हटाने के लिए शरीर के उसी हिस्से में जाते हैं. जिससे सूजन की समस्या पैदा होती है. जो सेल्स के ज्यादा तेजी से विभाजित होने का कारण बनती हैं. जिससे कैंसर सेल्स बनने और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
सेक्स: हार्मोन मेनोपॉज के बाद फैट सेल्स एस्ट्रोजन हार्मोन को प्रॉड्यूस करती है. ये ब्रेस्ट और वॉम्ब में सेल्स को ज्यादा बार डिवाइड कर सकती है. जिससे भी कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

मोटापा से सिर से पैर तक कैंसर
- ब्रेन ट्यूमर कैंसर
- थायराॅइड ग्लैंड कैंसर
- ब्रेस्ट कैंसर
- पेट के कैंसर
- आंत का कैंसर
- लिवर का कैंसर
- गाॅलब्लैडर कैंसर
- मल्टीपल मायलोमा
- पैंक्रियाज कैंसर
- किडनी का कैंसर
- यूट्रस का कैंसर
- ओवरी का कैंसर
- खून का कैंसर
वेट कंट्रोल करके कैंसर से बचाव करें
- तम्बाकू न चबाएं.
- स्मोकिंग न करें.
- एल्कोहल न लें.
- जंक फूड न खाएं.
- फाइबर युक्त भोजन लें.
- फ्राइड फ़ूड न खाएं.
- कम तला भुना खाएं.
- पैक्ड फ़ूड न खाएं.
यह करें जरूर
- नियमित व्यायाम करें
- नियमति रनिंग करें
- नियमित टहलें
- नियमित योगा करें.
- हेल्दी डाइट लें.