नई दिल्ली.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का मसौदा तैयार किया है. राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के मसौदे में ई-संजीवनी ओपीडी की तर्ज पर मानसिक रोगियों के लिए भी जल्द ऑनलाइन ओपीडी सेवाएं शुरू की जाएगी. जिससे देश के मानसिक रोगियों को घर बैठे ही विशेषज्ञों की सलाह और परामर्श ले सकेंगे. क्योंकि, देश में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है. जबकि, देश में मनोरोग विशेषज्ञों की कमी है. इस वजह से दूरदराज के क्षेत्रों में मानसिक रोगियों को उपचार नहीं मिल रहा है.
बता दें कि, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में इस योजना की घोषणा की थी. वित्त मंत्री की इसी घोषणा को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है. जिसके तहत ही स्वास्थ्य मंत्रालय के बेंगलुरु स्थिति संस्थान निम्हंस को नोडल एजेंसी बनाया है. निम्हंस से देश भर के 17 और मानसिक रोग अस्पतालों को जोड़ रहे हैं. इसके बाद ई-संजीवनी की तर्ज पर ऑनलाइन ओपीडी सेवा शुरू की जाएगी. यह सुविधा नि:शुल्क होगी.
बता दें कि, कोरोना काल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ई-संजीवनी की शुरुआत की थी. जिससे सामान्य बीमारियों के मरीजों को परामर्श और उपचार दिया जा सके. जिसमें अब तक सवा करोड़ से अधिक मरीजों को ऑनलाइन परामर्श लिया है. ई-संजीवनी ओपीडी के लिए पहले रोगी ऑनलाइन पंजीकरण करता है. ओटीपी सत्यापन के बाद रोगी को एक टोकन प्रदान किया जाता है. इसके बाद मरीज एक ऑनलाइन वेटिंग रूम में प्रवेश करता है और कुछ ही मिनटों में डॉक्टरों से संपर्क हो जाता है. डॉक्टर से परामर्श के बाद रोगी पर्ची डाउनलोड करके दवा खरीदता है. अब ई-संजीवनी मॉडल को मानसिक रोग स्वास्थ्य कार्यक्रम की ऑनलाइन व्यवस्था में लागू किया जा रहा है.
सुरक्षा बलों में यह योजना होगी लागू
राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, कार्यक्रम का मसौदा तैयार है. अभी इसमें कुछ आवश्यक सुधारों किए जा रहे हैं. इसके बाद इसे लागू किया जाएगा. सभी की यह कोशिश है कि, पहले सुरक्षा बलों में इस योजना का एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाए. और उसके बाद देश भर में इसे लागू किया जाए.