जयपुर, राजस्थान.
Organ Transplant: राजस्थान के अलवर की ब्रेन डेड महिला ने 4 लोगों की जिंदगी बचाई. डॉक्टर्स की सलाह पर ब्रेन डेड होने पर महिला के परिजन ने अंग दान (Organ Transplant) करने का फैसला किया. जिस पर सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में भर्ती तीन मरीज और जोधपुर के एक मरीज की जान बचाई गई. लोगों से अपील है कि जीवित और मौत के बाद अंगदान करें. जिससे जरूरतमंद लोगों की जान बचेगी.
बता दें कि राजस्थान के जयपुर में स्थित एसएमएस हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट (Organ Transplant) के नोडल ऑफिसर डॉ. मनीष अग्रवाल ने बताया कि 43 वर्षीय सुमित्रा सिंह पत्नी धनसिंह निवासी अलवर पिछले कुछ समय से जयपुर में दिल्ली रोड स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती थी. सुमित्रा जब ब्रेनडेड हो गई. डॉक्टर्स के ब्रेन डेड घोषित करने पर डॉक्टर्स की टीम ने परिजन से बात की. उन्हें अंगदान की जानकारी दी. आपके अंगदान से जरूरतमंद की जान बचेगी. डॉक्टर्स की सलाह और समझाइश पर परिजन ने अंगदान की सहमति दी. जिस पर अंगदान और ट्रांसप्लांट (Organ Transplan) की पूरी प्रक्रिया शुरू की गई.

हार्ट और किडनी जयपुर में ट्रांसप्लांट, लिवर जोधपुर भेजा गया
ऑर्गन ट्रांसप्लांट के नोडल ऑफिसर डॉ. मनीष अग्रवाल ने बताया कि महिला की दोनों किडनी और हार्ट जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को लगाए गए हैं. जिसमें नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी टीम ने एक किडनी हॉस्पिटल में भर्ती 37 वर्षीय महिला के ट्रांसप्लांट की. महिला मरीज जोधपुर की निवासी है. ऐसे ही दूसरी किडनी जयपुर निवासी 37 वर्षीय पुरुष मरीज को लगाई गई. इसके साथ ही CTVS टीम ने 43 साल के पुरुष के हार्ट लगाया है. हार्ट का ट्रांसप्लांट CTVS टीम के डॉ. अनिल शर्मा, डॉ. रामगोपाल यादव, डॉ. देवी प्रसाद सैनी और डॉ. आनंदी सिंह के साथ उनकी टीम ने किया. इसके साथ ही महिला का लिवर जोधपुर में भर्ती एक महिला के लगाया गया है.
भारज में कैसे कर सकते हैं अंगदान
बता दें कि भारत में दो तरीकों से अंगदान करते हैं. जिसमें जीवित रहने और मृत्यु के बाद अंगदान किया जाता है. जीवित रहकर लिवर, किडनी जैसे अंग डोनेट किए जा सकते हैं, लेकिन रिसीवर आपके परिवार का नजदीकी व्यक्ति जैसे माता-पिता, पति-पत्नी, भाई-बहन या कोई डायरेक्ट रिलेटिव ही हो सकता है. दूसरे तरीके में मृत्यु के बाद ऑर्गन डोनेशन करने पर ट्रांसप्लांट किया जाता है.