नई दिल्ली/लखनऊ : देश में इन्फ्लूएंजा ए का सबवैरिएंट एच3 एन2 (H3N2) तेजी से पैर पसार रहा है. देश में वायरल रिसर्च और डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं के आंकडों के मुताबिक, होली के बाद टेस्टिंग में इन्फ्लूएंजा (H3N2) के 25 फीसदी से अधिक सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं. इस पर केंद्र सरकार ने यूपी समेत अन्य राज्यों के लिए क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल फॉर सीजनल इन्फ्लूएंजा गाइडलाइंस जारी की है. जिसमें ऑक्सीजन लेवल 90 या उससे कम की स्थिति में मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती करने के कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए हैं.
केंद्र सरकार की जारी एडवाइजरी मिलने के बाद यूपी में चिकित्साव एवं स्वास्थ्य विभाग ने इन्फ्लूएंजा संक्रमित मरीजों की ऑक्सीजन लेवल मॉनिटरिंग पर खासा जोर दिया है. इसको लेकर गाइडलाइन जारी की. जिसमें निर्देश दिए गए हैं कि, मरीज की 90 से कम ऑक्सीजन लेवल हो तो उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती करके इन्फ्लूएंजा के जद में आने वाले मरीजों को ओसेल्टामिविर दवा दें. इन्फ्लूएंजा की चपेट में बुजुर्ग, मोटापे से ग्रसित, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर रोगी, गुर्दे या जिगर की बीमारी से ग्रसित लोगों में गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं. इसलिए, ऐसे रोगियों को इन्फ्लूएंजा संक्रमित होने पर भर्ती करने की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं.
सरकार की गाइडलाइन
● इन्फ्लुएंजा पीड़ित मरीज के ट्रीटमेंट में कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाए.
● श्वसनतंत्र पर संक्रमण के साथ खांसी-बुखार के लक्षणों को गंभीरता से लिया जाए.
● सार्वजनिक समारोह में विशेष सतर्कता बरतें, न हाथ मिलाएं और न ही दूसरों के साथ खाना खाएं.
● आइसोलेशन वार्ड में दो बेड के बीच एक मीटर दूरी रखने के निर्देश
यूपी सरकार सतर्क टोल फ्री नंबर जारी
यूपी की योगी सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को ऑक्सीजन बेड तैयार रखने का अलर्ट जारी किया है. कोविड वार्ड के 40 बेड, पीकू वार्ड के 20 बेड के साथ ही जिला महिला अस्पताल में 18 18 बेड और सभी सीएचसी पर 10 10 बेड H3N2 मरीजों के लिए आरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं. हेल्थ एक्सपर्ट, एक फिजिशियन, एक एपीडेमियोलाजिस्ट, एक पैथोलाजिस्ट, लैब टेक्नीशियन व माइक्रोबायोलाजिस्ट की टीम बनाई जाए. इसके साथ ही योगी सरकार ने टोल फ्री नंबर 18001805145 भी जारी किया है.
सेना को भी बचाव के निर्देश
सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाएं की डीजी लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने इन्फ्लूएंजा (H3N2) को लेकर गाइडलाइन जारी की है. इन्फ्लूएंजा वायरस भी कोरोना की तरह फैल रहा है. इसलिए, कोरोना जैसे ही एहतियात बरतने होंगे. वैसे अभी देश में H3N2 के केस बहुत कम हैं. अगर, हम वैसे ही सावधानियां बरते तो इसे भी जल्दी हराया जा सकेगा.
बच्चे बुजुर्ग सॉफ्ट टारगेट
केंद्र और यूपी सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो इन्फ्लूएंजा एच3एन2 को लेकर 6 महीने से 8 साल तक के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र वालों के लिए ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए. इनमें जोखिम ज्यादा है. इसलिए, टीकाकरण तेजी से कराया जाए. यह वायरस सात दिनों तक पनप सकता है. इसलिए, बडे लोगों को अधिकतम सात दिन और बच्चों को 14 दिन तक इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जाए.
1968 में पहली बार इंसानों में मिला था वायरस
इंफ्लूएंजा ए, बी और सी इंसानों में फैलता है. वैसे हम बात करें तो इंफ्लूएंजा ए और इन्फ्लूएंजा बी हर साल मौसमी महामारी के तौर पर फैलता है. अब इंफ्लूएंजा ए वायरस दो प्रोटीनों के आधार पर दो अलग टाइप में विभाजित होता है. यह दो प्रोटीन हैं. हेमाग्लगुटिनिन और न्यूरोमिनिडेस के 18 अलग.अलग टाइप हैं. जिन्हें एच 1 से 8 तक के क्रम में रखा गया है. देखा जाए तो पहली बार H3N2 वायरस मानव में सन 1968 में पाया गया था.
यह हैं प्रमुख लक्षण
● तीन से आठ दिनों तक 101 से 104 तक बुखार
● चेहरा, गर्दन, छाती के ऊपर की त्वचा लाल होना
● त्वचा अत्यधिक गर्म और कभी नम हो सकती है
● आखें लाल हो सकती हैं, पानी भी रिस सकता है
● नाक बहना और बच्चों के लिंफ्सनोड में बढ़ोत्तरी
● लगातार सूखी खांसी और सांस लेने में भी दिक्कत
● शरीर, मांसपेशियों के साथ गर्दन या आंख में दर्द
ये बरतें सावधानी
● कोरोना संक्रमण के समय जारी गाइडलाइन का पालन करें
● संक्रमण रोकने के लिए हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं
● मास्क पहनें एवं भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें
● छींकते-खांसते समय मुंह को पूरी तरह ढंक कर रखें
● रोज खाने पीने में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ इस्तेमाल करें
● इसके अलावा हाथों से बार-बार आंख, नाक को छूने से बचें
● बुखार, बदन दर्द में पैरासिटामॉल टेबलेट का सेवन करें