Physical Relations Keep Heart Healthy: पति और पत्नी के रिश्ते में भावनात्मक जुड़ाव और शारीरिक नजदीकियां होना बेहद जरूरी है. एक रिसर्च में दावा किया गया है कि यदि पति और पत्नी के रिश्ते हेल्दी हैं और दोनों सप्ताह में यौन संबंध बनाते हैं तो यह दोनों के दिल और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं.
नई दिल्ली.
Physical Relations Keep Heart Healthy: यह सभी जानते हैं कि पार्टनर के साथ नियमित रूप से यौन संबंध बनाने से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है. पति और पत्नी के फिजिकल होने से रिश्ते में भी नई जान आती है. अक्सर करके उम्र बढ़ने पर पति और पत्नी फिजिकल इंटीमेसी दरकिनार कर देते हैं. कई माह तक पार्टनर से यौन संबंध नहीं बनाते हैं. जिससे उनके रिश्ते में दूरी और अनबन होने लगती है. हाल में मेरिकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाए रखने से दिल की सेहत सुधर सकती है. इतना ही नहीं, हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है.
बता दें कि अमेरिकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी की एक स्टडी में दावा किया जा रहा है कि जो पुरुष सप्ताह में दो बार अपनी पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाता है तो उसे दिल की बीमारियों का खतरा 45% कम हो सकता है. वहीं, हिलाओं की बात करें तो पार्टनर से यौन संबंध बनाने से उन्हें यौन संतुष्टि के साथ हाई बीपी कंट्रोल होता है. ब्लड वेसल्स स्वस्थ बनती हैं.
यौन संबंध और दिल का कनेक्शन (Connection between sex and heart)
इस बारे में हार्ट एक्सपर्ट्स कहते हैं कि यौन संबंध बनाने के दौरान दिल की धड़कन 120 से 130 बीट्स प्रति मिनट तक पहुंच जाती है. जो ब्रिस्क वॉक (brisk walking) जितना असर डालती है. यह गति विधि शरीर में 3–4 METs एनर्जी की खपत करती है. इसके साथ ही यह एक्टिविटे शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर को बढ़ाती है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है. जिससे दिल की धमनियों में लचीलापन बना रहता है. कहें तो यौन संबंध सिर्फ शारीरिक सुख देने वाली नहीं, यह दिल, दिमाग और रिश्ते में नई जान डालता है.
बीपी और तनाव पर असर (Effect on BP and stress)
एक्सपर्ट की मानें तो यौन संबंध बनाने के बाद शरीर का सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (ऊपरी बीपी) 5 से 10 mmHg तक कम हो सकता है. जिससे यौन क्रिया शरीर में नेचुरल रिलैक्सेशन रिस्पॉन्स को ट्रिगर करती है, जिससे तनाव और मांसपेशियों का खिंचाव कम होता है. कॉर्टिसोल हार्मोन (तनाव का हार्मोन) 10-15% तक घटता है और ऑक्सीटोसिन (प्यार का हार्मोन) बढ़ता है, जो मानसिक शांति देता है. इसके साथ ही यौन संबंध बनाने से नींद बेहतर आती है. डिप्रेशन के लक्षणों में लगभग 30% तक कमी आती है. इसके साथ ही एक दूसरे से भावनात्मक जुड़ाव और मजबूत होता है. जिससे रिश्ते में नई जान और संतोष बढ़ता है.