Rajasthan Dengue: राजस्थान में डेंगू जानलेवा हो गया है. प्रदेश में डेंगू से एक सरकारी लेडी डॉ. ज्योति मीणा (Dr Jyoti Meena) की डेंगू से मौत हो गई. डॉक्टर का जयपुर में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. जो दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा अस्पताल (Ramgarh Pachwara sub-district hospital of Dausa) में तैनात थी. डॉ. ज्योति मीणा दौसा के रामगढ़ पचवारा उप जिला अस्पताल में लगभग 1 साल से अपनी सेवाएं दे रही थी. बीते मंगलवार को अचानक डॉ- ज्योति की तबीयत बिगड़ी, उन्हें तुरंत जयपुर के अपेक्स हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था. राजस्थान में डेंगू से मौत का पहला मामला है. डॉ. ज्योति मीणा की मौत से दौसा के स्वास्थ्य महकमे में शोक की लहर छा गई है.
बता दें कि, डेंगू की वजह से जान गंवाने वाली डॉ. ज्योति मीणा के पति धर्म सिंह मीणा भी रामगढ़ पचवारा में डॉक्टर के पद पर तैनात हैं. परिजन की मानें तो डॉक्टर दंपती की एक साल की बच्ची पहले डेंगू हुआ था. बच्ची तो ठीक हो गई. मगर, उसकी देखरेख करने की वजह से डॉ. ज्योति मीणा भी डेंगू की चपेट में आई. उसकी हालत गंभीर होने पर बीते कुछ दिनों से जयपुर के एपेक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया. जहां पर डॉ. ज्योति मीणा का इलाज चल रहा था. जहां पर बुधवार शाम इलाज के दौरान डॉ. ज्योति मीणा की मौत हो गई. डेंगू से डॉक्टर ज्योति की मौत की खबर सामने आते ही दौसा के स्वास्थ्य महकमे में शोक की लहर छा गई है.

दो दिन पहले एपेक्स हॉस्पिटल में भर्ती थी डॉक्टर
लालसोट सीएमओ के डॉ. पवन जैन ने बताया कि दो दिन पहले डॉ. ज्योति मीणा इलाज के लिए अपेक्स हॉस्पिटल (Apex Hospital) जयपुर में भर्ती हुई थी. जहां उनकी प्लेटलेट्स लगातार गिर रही थी. मंगलवार को उसकी मात्र 12000 प्लेटलेट्स (platelets) ही रह गई थी. जिसकी वजह से डॉ. ज्योति को तुरंत आईसीयू में शिफ्ट किया गया. आईसीयू में डॉ. ज्योति मीणा की तबीयत में लगातार गिरती चली गई. बुधवार को डॉ. ज्योति मीणा डेंगू की वजह से दुनिया को अलविदा कह गई.
डॉक्टर की मौत से उठ रहे बड़े सवाल
डॉ ज्योति मीणा के एक डेढ़ साल की बेटी है. पति डॉ धर्म सिंह मीणा भी उप जिला अस्पताल रामगढ़ पचवारा में ईएनटी ENT स्पेशलिस्ट हैं. अब बड़ा सवाल ये है कि मौसमी बीमारियों का बोलबाला है तो निश्चित रूप से डेंगू बड़ी खतरनाक बीमारी है. जो शरीर में सबसे पहले प्लेट्स की संख्या को काम करती है. धीरे-धीरे शरीर को मौत की तरफ खींचती है. लेकिन सरकारी दावे भी यहां फेल हो गए, जब एक डॉक्टर की जान डेंगू पॉजिटिव होने की वजह से चली गई, जिसे बचाने में चिकित्सा महकमा भी असमर्थ और लाचार नजर आया.