नई दिल्ली.
रोजना प्राणायाम करने वाले व्यक्ति को कोरोना संक्रमण का खतरा कम रहता है. क्योंकि, प्रतिदिन प्राणायाम करने से फेफड़े मजबूत और तनाव वाले हार्मोन कोर्टिसोल का स्राव कम होता है. प्राणायाम करने से इम्युनिटी भी मजबूत होती है. यही मजबूत इम्युनिटी ही कवच बनकर शरीर का कोरोना संक्रमण से बचाव करती है. यह खुलासा दिल्ली के पांच अस्पतालों में 280 स्वास्थ्यकर्मियों पर किए गए शोध में हुआ है.
नीति आयोग के राकेश सरवाल, मोरारजी देसाई योग संस्थान के ईश्वर बसवरद्दी और लेडी हॉर्डिंग मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. राजेन्द्र धमीजा इस शोध में शामिल हैं. इस शोध में राजधानी के पांच अस्पताल में कार्यरत 280 ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों को शामिल किया. जो, अपने काम के दौरान संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए थे.
स्वास्थ्य कर्मियों को दो समूहों में बांटा
शोध में वे स्वास्थ्य कर्मी शामिल किए गए, जो लगातार कोरोना मरीजों के संपर्क में थे. इन स्वास्थ्य कर्मियों को दो समूहों में बांटा गया. स्वास्थ्य कर्मियों के एक समूह को अस्पताल के काम करने दिए और उन्हें 28 दिन तक दिन में दो बार प्राणायाम भी कराया. जबकि, दूसरे समूह के स्वास्थ्य कर्मियों को सामान्य अस्पताल का काम करने दिया गया. मगर, उन्हें प्राणायाम नहीं कराया. 28 दिन बाद जब दोनों समूह के स्वास्थ्य कर्मियों की आरटीपीसीआर और एंटीबॉडी जांच कराई. जिसमें खुलासा हुआ कि, जो स्वासथ्य कर्मी प्रतिदिन प्राणायाम करते थे. उनमें से सिर्फ एक स्वास्थ्य कर्मी ही कोरोना पॉजिटिव मिला. जबकि, दूसरे समूह के नौ स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव मिले.

इस तरह प्राणायाम रहा फायदेमंद
शोधकर्ताओं के मुताबिक, वातनीति नाक के मार्ग को संक्रमण से बचाती है. इसके साथ ही कपालभाति करने से फेफड़े मजबूत होते हैं. नाड़ी शोधन होने से तनाव वाले हार्मोन कोर्टिसोल का स्राव कम होता है.
चिकित्सक भी देते प्राणायाण की सलाह
बता दें कि, कोविड के मरीजों के ठीक होने पर अक्सर चिकित्सक रोजाना प्राणायाम करने की सलाह देते हैं. इसकी वजह यह है कि, कोरोना संक्रमण से फेफड़े और शरीर के अन्य अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव होता है. रोजाना योग करने से फेफड़े मजबूत होंगे और दूसरे अंग भी हेल्दी होते हैं. इसलिए लोगों को रोजाना दस मिनट प्राणायाम करना चाहिए. क्योंकि, यह हमें कोरोना संक्रमण से बचाएगा और इम्युनिटी भी मजबूत करेगा.
प्राणायाम करते समय यह बातें रखें ध्यान
- पेट खराब होने पर प्राणायाम करने से बचें.
- प्राणायाम साफ हवा में ही करना चाहिए.
- धूल या प्रदूषित स्थान पर प्राणायाम न करें.
- प्राणायाम करते समय सांस को जबरदस्ती न रोकें.
- प्राणायाम करने में थकान महसूस होने पर स्ट्रेचिंग करें.