आगरा.
योगी सरकार के निर्देश पर गुरुवार को 380 दिन बाद बहुचर्चित ‘मौत की मॉकड्रिल’ मामले श्रीपारस हॉस्पिटल की सील खोल दी. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित श्रीपारस हॉस्पिटल की सील खोल करके हॉस्पिटल के लाइसेंस का निलंबन भी रद्द कर दिया. इस मामले में पहले ही जिला प्रशासन जांच और डेथ ऑडिट कमेटी की जांच में श्रीपारस हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन को क्लीनचिट दे दी गई थी. अब उन्हीं दोनों जांच रिपोर्ट को आधार मानकर योगी सरकार से स्वास्थ्य विभाग को श्रीपारस हॉस्पिटल की सील खोलने के निदेश दिए गए. मगर, चर्चा यह है कि, हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन ने अपनी राजनैतिक पेंठ का इस्तेमाल करके एक बार फिर हॉस्पिटल की सील खुलवाने में कामियाब हुए हैं.
बता दें कि, आगरा-दिल्ली हाईवे पर श्रीपारस हॉस्पिटल है. जिसके संचालक डॉ. अरिंजय जैन हैं. जून 2021 के पहले सप्ताह में श्रीपारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन का ‘मौत की मॉकड्रिल’ के कुबूलनामे का वीडियो सोशल मीडिया पर वारयल हुआ था. जिससे आगरा से दिल्ली तक खलबली मची थी. तब आक्सीजन की कमी से की गई ‘मौत की मॉकड्रिल’ में 22 कोरोना संक्रकितों की जान लेने का आरोप श्रीपारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन पर लगा था. तब हर दिन कोरोना संक्रमितों की मौत को लेकर उनके परिजन आगे आए थे. जिन्होंने अपने दस्तावेज जिला प्रशासन की टीम और डेथ ऑडिट कमेटी के सामने पेश किए. अपने बयान भी दर्ज कराए थे. जिला प्रशासन की टीम ने पहले श्रीपारस हॉस्पिटल संचालक को क्लीनचिट दी और इसके बाद गठित संयुक्त कमेटी की जांच में भी क्लीन चिटी मिली थी.

हॉस्पिटल का लाइसेंस का निलंबन रद्द करके खोली सील
आगरा के सीएमओ डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि, यूपी से शासन से मिले निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने श्रीपारस हॉस्पिटल की सील खोली है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 06 जून 2021 को हॉस्पिटल का लाइसेंस निलंबित करके श्रीपारस हॉस्पिटल की समस्त चिकित्सकीय सुविधाएं बंद कर दी थी. हॉस्पिटल को सील कर दिया गया था. अब शासन ने जिला प्रशासन और गठित की गई कमेटी की जांच रिपोर्ट में मिली क्लीनिट पर सील खोलने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही हॉस्पिटल के लाइसेंस का निलंबन भी रद्द कर दिया है.
चार वीडियो हुए थे वायरल
दरअसल, श्रीपारस हॉस्पिटल में 26 अप्रैल को सुबह सात बजे पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल करने के चार वीडियो वायरल हुए थे. वायरल वीडियो में श्रीपारस हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन बता रहे थे कि, ऑक्सीजन बंद करके की गई मॉकड्रिल से 22 मरीजों का दम घुटने लगा था. मरीजों के हाथ-पैर नीले पड़ गए थे. तब हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे. इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ एफआईआर न्यू आगरा थाना में दर्ज कराई गई थी.
जांच रिपोर्ट पर उठे थे पहले भी सवाल
श्रीपारस हॉस्पिटल की मौत की मॉकड्रिल के मामले में प्रशासन ने दो जांच कमेटी बनाई थी. एक कमेटी में दो सदस्य और दूसरी डेथ आडिट कमेटी में चार सदस्य थे. दोनों कमेटी ने अपनी जो समरी रिपोर्ट जारी की थी. उसमें स्पष्ट किया था कि, हॉस्पिटल में 26 और 27 अप्रैल 2021 को 16 मरीजों की मौत हुई थी. मगर, एक भी मरीज की मौत आक्सीजन की कमी से नहीं हुई थी. इस पर दोनों कमेटी की जांच रिपोर्ट पर खूब सवाल उठे थे.
राहुल और प्रियंका ने योगी सरकार को घेरा था
मौत की मॉकड्रिल के चलते श्रीपारस हॉस्पिटल सुर्खियों में आया. हॉस्पिटल संचालक के वायरल वीडियो से जिला प्रशासन से लेकर शासन तक हड़कंप मच गया. योगी सरकार ने तत्काल इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराने के निर्देश दिए. जब मौत की मॉक ड्रिल की गूंज राजधानी दिल्ली और दुनियाभर में पहुुंची तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार को निशाने पर लिया था. कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने टवीट करके पूछा था कि, इस घटना का जिम्मेदार कौन ह़ै. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट करके इस मामले में जिम्मेदारों पर फौरन कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने लिखा, भाजपा शासन में ऑक्सीजन व मानवता दोनों की भारी कमी है. इस ख़तरनाक अपराध के ज़िम्मेदार सभी लोगों के ख़िलाफ़ तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए. दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं.
कोरोना की पहली लहर में भी बना था हॉट स्पॉट
बता दें कि, कोरोना की पहली लहर में भी श्रीपारस हॉस्पिटल आगरा का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना था. यहां पर चोरी छिपे कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती किए गए थे. इसकी सूचना जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी थी. जिस वजह से ही आगरा, मथुरा, मैनपुरी, एटा, इटावा, हाथरस, कासंगंज, अलीगढ समेत 11 जिलों तक कोरोना का संक्रमण पहुंचा था. इस पर आगरा डीएम श्री पारस हॉस्पिटल के मालिक और अन्य के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था. करीब 10 माह तक हॉस्पिटल में इलाज पर रोक रही थी.
भाजपा में गहरी पेंठ से खुली सील
बता दें कि, श्रीपारस अस्पताल संचालक डॉ. अरिंजय जैन के राजनेताओं से गहरे रिश्ते हैं. पहले सपा में उनकी गहरी पेंठ थी. जब भाजपा की सरकार बनी तो वहां भी उनके संबंध भाजपा के बडे नेताओं से हो गए. हालात ऐसे हैं कि, जिला प्रशासन और स्वासथ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही
डॉ. अरिंजय जैन के शहर के कई विधायक, मंत्री व अन्य जनप्रतिनिधियों के खास बने हुए हैं. अपनी गहरी पेंठ की वजह से ही उनके हॉस्पिटल की सील खुली है.