Side Effects of Drinking Cold Drinks: आजकल कोल्ड-ड्रिंक्स पीने का ट्रैंड लोगों में खूब बढ़ गया है. इसमें युवा सबसे आगे हैं. लोगों में कोल्ड-ड्रिंक्स की दीवानगी ऐसी है. जरा सी गर्मी लगी तो ताजगी पाने को कोल्ड-ड्रिंक्स गटक लेते हैं. घर में छोटी से छोटी पार्टी हो तो उसमें सभी की पंसद का ठंडा पेय कोल्ड-ड्रिंक्स होती है. यानी कहें तो लोगों को अब बस कोल्ड-ड्रिंक्स पीने का बहाना चाहिए. मगर, यह कोल्ड-ड्रिंक्स हमारी सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. कोल्ड-ड्रिंक्स अधिक पीने से मोटापा, मधुमेह के साथ ही मेमोरी लॉस की समस्या भी होती है. इस आर्टिकल में कोल्ड-ड्रिंक्स के अधिक पीने से होने वाले साइडइ फेक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं.
कोल्ड-ड्रिंक्स पीने से मधुमेह की समस्या
बता दें कि, कोल्ड ड्रिंक में शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. जिससे अधिक मात्रा में या हर दिन कोल्ड ड्रिंक पीने से मधुमेह की परेशानी होती है. कोल्ड ड्रिंक पीने से बॉडी में शुगर तुरंत स्पाइक होता है. जिससे इंसुलिन तेजी से रिलीज होने लगता है. अगर, बार-बार इंसुलिन हार्मोन डिस्टर्ब होगा तो सेहत के लिए ठीक नहीं होगा.
कोल्ड-ड्रिंक्स पीने से बढ़ता मोटापा
दअसल, कोल्ड ड्रिंक्स में सुक्रोज होने की वजह से फ्रक्टोज बनता है. यही फ्रक्टोज हमें कैलोरी प्रदान करता है. कोल्ड ड्रिंक्स में शुगर की मात्रा अधिक होने से वजन तेजी से बढ़ता है. इसको लेकर कई स्टडी भी हुई हैं. एक स्टडी के मुताबिक, रोजाना कोल्ड ड्रिंक्स पीने से मोटापे की समस्या होने का खतरा 60 फीसदी तक रहता है.
कोल्ड-ड्रिंक्स पीने से लीवर डैमेज का डर
वैसे ही कोल्ड ड्रिंक्स में ग्लूकोज और फ्रक्टोज बहुत अधिक मात्रा में होते हैं. शुगर भी खूब होता है. फ्रक्टोज को पचाने में लीवर को बहुत मेहनत करनी होती है. इससे ही लीवर में इन्फ्लेमेशन की शिकायत आ जाती है.
कोल्ड-ड्रिंक्स पीने से दांतों को नुकसान
बता दें कि, कोल्ड ड्रिंक्स या सोडा ड्रिंक्स में फॉस्फोरिक एसिड व कार्बोनिक एसिड का मिश्रण होता है. जो हमारी दांतों की सुरक्षा पर्त यानी इनेमल को नुकसान पहुंचाता है. कोल्ड-ड्रिंक्स अधिक मात्रा में पीने से दांतों में सेंसटिविटी और कैविटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. बच्चों को रोजाना कोल्ड ड्रिंक्स पिलाना नुकसानदायक है. इससे बच्चों के दांतों में सड़न पैदा हो जाती है.
कोल्ड-ड्रिंक्स पीने से मेमोरी लॉस
बता दें कि, कोल्ड ड्रिंक्स में कैफीन मिला होता है. जो एक तरह का एडिक्टिव (नशीला) कंपाउंड है. एक रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, कोल्ड ड्रिंक्स पीने के 5-10 मिनट में ही शरीर में डोपामाइन का लेवल बढ़ता है. यह हार्मोन हमें थोड़ी देर खुशी महसूस करता है. इस वजह से ही लोग अधिक मात्रा में कोल्ड-ड्रिंक्स पीते हैं. इसका असर ब्रेन फंक्शन पर भी होता है. इससे ब्रेन डेवलपमेंट प्रभावित होता है. ऐसे में बच्चों की मेमोरी लॉस होने का खतरा अधिक रहता है. कोल्ड ड्रिंक अधिक पीने से बच्चों की एकाग्रता पर भी बुरा गहरा असर होता है.
कोल्ड ड्रिंक्स की जगह ये पेय पदार्थ करें डाइट में शामिल
- रोजाना पर्याप्त मात्रा में नॉर्मल पानी पिएं. जिससे बॉडी हाइड्रेट भी रहेगी.
- नींबू पानी, शरबत, जूस, शिकंजी, फ्रूट कॉकटेल जैसे पेय पदार्थ खूब पिएं.
- ताजे मौसमी फलों का रस, गन्ने का रस और नारियल पानी भी खूब पिएं.