SNMC Agra में रेट्रोग्रेड इंट्रारेनल सर्जरी (RIRS) पर आधारित सजीव ऑपरेशन और हैंड्स-ऑन वर्कशॉप हुई. RIRS पत्थरों को बिना किसी चीरे और चीर-फाड़ के निकालने की सबसे उन्नत तकनीक है.
आगरा, उत्तर प्रदेश
SNMC Agra: उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित एसएन मेडिकल कॉलेज (SN Medical College, Agra) में बुधवार को रेट्रोग्रेड इंट्रारेनल सर्जरी (RIRS) पर आधारित सजीव ऑपरेशन और हैंड्स-ऑन वर्कशॉप हुई. जो एक अत्याधुनिक व नवीनतम तकनीक है. इसने ही चिकित्सा क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की. बीएलके–मैक्स अस्पताल (BLK-Max Hospital, Delhi) दिल्ली के प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट डॉ. यजवेंदर प्रताप सिंह ( Dr Yajvender Pratap Singh Rana) राणा ने अपने टिप्स और ट्रिक्स बताए. उन्होंने कहा कि RIRS पत्थरों को बिना किसी चीरे और चीर-फाड़ के निकालने की सबसे उन्नत तकनीक है. जो आगरा और आसपास के मरीजों का दर्द कम करेगा.
बता दें कि एसएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी और यूरोलॉजी विभाग की ओर से सजीव ऑपरेशन और हैंड्स-ऑन वर्कशॉप आयोजित की गई. विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. प्रशांत लवानिया ने बताया कि कार्यक्रम के लिए प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट डॉ. यजवेंदर प्रताप सिंह राणा (बीएलके–मैक्स अस्पताल, दिल्ली) मुख्य अतिथि रहे. जो एसएन मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग में उन्नत प्रकार के सभी इंस्ट्रुमेंट्स अवेलेबल हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य डॉ प्रशान्त गुप्ता के नेतृत्व्य में मेडिकल कॉलेज ने बहुत उन्नति कडी है. अब एस ऐन मेडिकल कॉलेज में रेडिकल नेफ्रेक्टमी व अन्य जटिल सर्जरी हो रही हैं.

SNMC Agra: लेजर से गुर्दे का पत्थर को चूर्ण बनाया जा रहा (Kidney stones are being crushed with laser)
एसएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी और यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. प्रशांत लवानियां ने बताया कि वर्कशॉप में RIRS पत्थरों को बिना किसी चीरे और चीर-फाड़ के निकालने की सबसे उन्नत तकनीक की जानकारी दी गई. इसमें लेजर का इस्तेमाल करके गुर्दे के अंदर मौजूद पत्थर को चूर्ण किया जाता है. ये प्रक्रिया न केवल दर्द रहित है. बल्कि, मरीज बहुत कम समय में पूरी तरह ठीक हो जाता है. ये तकनीक क्रांतिकारी है. जो मरीजों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है.
SNMC Agra: अगले साल रोबोटिक सर्जरी शुरू हो जाएगी (Robotic surgery will start next year)
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं डीन प्रोफेसर डॉ. प्रशांत गुप्ता ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि RIRS जैसी उन्नत तकनीक अब एसएन मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है. जो पहले सिर्फ बड़े कॉर्पोरेट अस्पतालों और एम्स जैसे संस्थानों तक सीमित थी. इससे आगरा और आसपास के इलाकों के मरीजों को राहत मिलेगी. उन्हें इलाज के लिए दिल्ली या जयपुर जैसे बड़े शहर नहीं जाना चाहिए. लगभग साल भर में विभाग में रोबोटिक सर्जरी शुरू हो जाएगी. जिससे मरीजों को बहुत लाभ होगा.

SNMC Agra: ये चिकित्सक भी रहे वर्कशॉप में मौजूद (These doctors were also present in the workshop)
एसएन मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सा जगत के कई दिग्गज चिकित्सक भी शामिल हुए. कार्यक्रम के सत्रों की अध्यक्षता करने वाले विशेषज्ञों में डॉ. मधुसूदन अग्रवाल, डॉ. जूही सिंघल, डॉ. राजेश गुप्ता, डॉ. जेपीएस शाक्य, डॉ. अंकुश गुप्ता, डॉ. अनुभव गोयल, डॉ. प्रदीप देब, डॉ. करण आर. रावत, डॉ. विजय त्यागी और डॉ. अभिषेक पाठक शामिल थे. इन विशेषज्ञों ने न केवल सजीव ऑपरेशन देखा, बल्कि उन्नत तकनीकों और रोचक मामलों पर विचार-विमर्श भी किया. कार्यक्रम में डॉ. टीपी सिंह , डॉ हरि सिंह , डॉ जीवी सिंह , डॉ अर्चना अग्रवाल, डॉ योगिता द्विवेदी, डॉ प्रीति भारद्वाज आदि उपस्थित रहे.
SNMC Agra: सर्जरी के बाद मरीज चलने-फिरने लगेगा (Patient will start walking after surgery)
प्रोफेसर डॉ. प्रशांत लवानिया ने बताया कि इस तकनीक की एक बड़ी खासियत यह है कि मरीज सर्जरी के कुछ ही घंटों में चलने-फिरने लायक हो जाता है. जल्दी ही अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट आता है. उन्होंने इसे यूरोलॉजी क्षेत्र में मेडिकल गेम-चेंजर करार दिया है. इस वर्कशॉप ने चिकित्सा क्षेत्र में एसएन मेडिकल कॉलेज की नेतृत्व क्षमता को एक बार फिर साबित किया. यह कार्यक्रम न केवल डॉक्टरों के लिए ज्ञानवर्धक साबित हुआ. बल्कि, इससे चिकित्सा क्षेत्र में उन्नति के एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा जा रहा है.