दिल्ली एम्स प्लास्टिक सर्जरी कराने के लिए 50 फीसदी से अधिक मरीज ट्रॉमा से आते हैं. जिनकी प्लास्टिक सर्जरी जटिल होती है. देश में लगभग 2500 प्रशिक्षित प्लास्टिक सर्जन हैं. जो अपनी कार्य कुशलता से लोगों की जिंदगी संवार रहे हैं.
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में दिल्ली एम्स का एक रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ है. जो भारत समेत दुनियाभर के लोगों में कोरोना संक्रमण के बाद होने वाली पेट से जुड़ी बीमारियों पर की गई स्टडी पर आधारित है.
एम्स की रिसर्च के मुताबिक, 28 फीसदी मानसिक रोगी उपचार के लिए पहली बार में आयुर्वेद डॉक्टर्स के पास पहुंचते हैं. इसके साथ ही 12 फीसदी मनोरोगी ही मनोचिकित्सकों के बजाय एलोपैथी के दूसरे डॉक्टर्स के पास उपचार करने पहुंचते हैं.
रिसर्च में दावा है कि, जो लोग घरों पर नेबुलाइजर इस्तेमाल करते हैं. उन्हें नेबुलाइजर की साफ-सफाई और रख-रखाव की सही जानकारी नहीं होती है. इसलिए गंदे नेबुलाइजर का इस्तेमाल मरीजों को लाभ की बजाय उनकी समस्या गंभीर करता है.