. नाक, कान, मुंह का कैंसर सर्जरी के बाद ठीक हो जाता है. लेकिन, गले के साथ ऐसा नहीं है. गले में कैंसर होने पर यह शरीर के किसी भी अंग तक पहुंच सकता है. इसलिए, कैंसर की सर्जरी के पहले और बाद में भी जोखिम बना रहता है.
H3N2 वायरस से सबसे ज्यादा 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों, पांच साल से छोटे बच्चों और गर्भवती को फ्लू का जोखिम अधिक होता है. इसके अलावा जो लोग अस्थमा, डायबिटीज और हृदय रोग से पीड़ित हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आगरा की ओर से रविवार को शहर के छह पार्कों में जन जागरूकता अभियान चलाया गया. जिसमें डॉक्टर्स होली पर स्वस्थ और सुरक्षित रहने के टिप्प दिए.
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडिएट्रिक्स आईएएपी की आगरा शाखा का अध्यक्ष डॉ. अरुण जैन बनाए गए हैं. इस अवसर पर विशेषज्ञों ने कहा कि, देश में 10 करोड़ बच्चों पर सिर्फ दो हजार न्यूरोलॉजिकल विशेषज्ञ हैं.
आगरा.
आज देखा जाए तो फिशर के मरीजों में 10 प्रतिशत बच्च और किशोर हैं. जिनकी उम्र 5 से 18 साल हैं. इनमें चार प्रतिशत बच्चे और किशार की सर्जरी तक करनी पड़ रही है. आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित कलाकृति ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस आॅफ कोलो प्रोक्टोकालोजी वर्ल्डकॉन 2023 में दूसरे दिन…
बारिश के मौसम में हर स्वास्थ्य पर असर होता है. इस मौसम में मासूम बच्चों की केयर बेहद जरूरी है. क्योंकि, बच्चे बहुत जल्दी इस मौसम में बीमार होते हैं. बच्चों को बीमार होने से बचाने के लिए माताएं कई ऐसे नुस्खे आजमाती हैं. आइए आप भी जानें यह घरेलू टिप्स.
विटामिन-ए ऐसा विटामिन है तो वसा में घुलनशील विटामिन है. विटामिन-ए से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. अभियान में अभिभावक अपने नौ माह से पांच साल तक की उम्र के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक जरूर पिलाएं.
भारत में पात्र पांच में से दो बच्चों को विटामिन-ए की खुराक नहीं दी गई. जरूरतमंद बच्चों तक विटामिन-ए की पहुंच सुनिश्चित करें. वैश्विक स्तर पर करीब 190 मिलियन बच्चे विटामिन-ए की खुराक से वंचित हैं.
यूनिसेफ के पोषण प्रमुख डॉ. अर्जन डी वाग्ट की मानें तो भारत में बच्चा का ओवरवेट होना एक बड़ी समस्या है. शरीर में बहुत अधिक वसा से गैर.संचारी रोग (टाइप 2 डायबिटीज, दिमाग, किडनी, हड्डी, लिवर की बीमारियां, कैंसर और विकलांगता) जैसे बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है.