केंद्र और यूपी सरकार की जारी गाइडलाइन में इन्फ्लूएंजा (H3N2) पीड़ितों के ट्रीटमेंट में कोविड प्रोटोकाल का पालन किया जाय. श्वसनतंत्र पर संक्रमण के लक्षणों को गंभीरता से लिया जाए. ऑक्सीजन लेवल 90 या कम होने पर तत्काल एडमिट हों.
दिल्ली एम्स की एक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. देश में लोगों का बीएमआई सही है. मगर, कोरोना के बाद से लोगों में मोटापा बढ़ा है. पेट पर चर्बी जमा होने से पेट गोल होकर आगे निकल आया है. जो, लिवर, किडनी और दिल की सेहत के लिए सही नहीं है.
कोरोना और वायरल से बचाना है तो कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें. जिससे कोरोना ही नहीं, वायरल से भी मुक्त मिलेगी.
यूपी में सात अगस्त को समस्त जिले के जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बने कोविड टीकाकरण केंद्रों पर मेगा कैंप लगेगा. जिसमें 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोविड टीका की एहतियाती डोज लगाई जाएगी.
दुनिया में मंकीपॉक्स तेजी से फैल रहा है. अब तक 80 देशों में मंकीपॉक्स के मरीज मिल चुके हैं. अब तक विश्व में मंकीपॉक्स के 16886 से ज्यादा मंकीपॉक्स के मरीज मिल चुके हैं. WHO ने इसे मेडिकल इमरजेंसी घोषित किया है.
रात में पसीना आना भी कोविड संक्रमण का नया लक्षण है. ब्रिटेन में हाल में ऐसे कोरोना संक्रमित मिले हैं. जो ओमीक्रोन बीए.5 सब-वेरिएंट से संक्रमित हुए हैं.
16 जनवरी 2021 को देश में फ्रंट लाइन वर्कर्स के कोरोना टीका लगाने की शुरूआत हुई थी. 18 महीने में देश ने एक ऐसे मुकाम पाया है, जो बड़े-बड़े देश नहीं पा सके हैं. देश आज करीब दो अरब वैक्सीन लगाने का आंकड़े को छू चुका है.
DGCI ने 28 दिसंबर 2021 को वयस्कों में आपातकालीन स्थिति में सीमित उपयोग के लिए कोवोवैक्स को मंजूरी दी थी. 9 मार्च 2022 को कुछ शर्तों के अधीन 12 से 17 वर्ष आयु वर्ग में भी इसके उपयोग को मंजूरी दी.
श्रीपारस हॉस्पिटल में 26 अप्रैल को सुबह सात बजे पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल करने के चार वीडियो वायरल हुए थे. वायरल वीडियो में श्रीपारस हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन बता रहे थे कि, ऑक्सीजन बंद करके की गई मॉकड्रिल से 22 मरीजों का दम घुटने लगा था. मरीजों के हाथ-पैर नीले…