अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से एक ही छत के नीचे गर्भवती की डिलीवरी, नवजात और प्रसूताओं को बेहतर उपचार मिलेगा.
नई दिल्ली.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labor Organization) ने 185 देशों में किए गए सर्वे की रिपोर्ट जारी की है. जिसके मुताबिक, दुनियाभर में 64.9 करोड़ महिलाओं को पर्याप्त मातृत्व सुरक्षा नहीं मिल रही है. इतना ही नहीं, इसमें 82 देश ऐसे हैं. जिनमें मातृत्व अवकाश को लेकर International Labor Organization (आईएलओ) के एक भी…
अभियान में प्रत्येक गर्भवती व धात्री महिलाओं तक आयरन, कैल्शियम, एलबेंडाजोल, व फोलिक एसिड की उपलब्धता और दवाओं का सेवन सुनिश्चित करने का कार्य होगा.
आगरा.
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत ताजनगरी में बुधवार को 74 चिकित्सा इकाइयों पर गर्भवती का परीक्षण किया गया. जिसमें चिकित्सकों ने महिलाओं के एएनसी परीक्षण किए. उनके हीमोग्लोबिन, बीपी की जांच, गर्भवती महिलाओं की लम्बाई और वजन, तापमान, पेशाब और शुगर समेत अन्य जांच की गईं. इसके साथ ही महिलाओं को सुरक्षित…
, पीएमएसएमए दिवस में गर्भवती की प्रसव पूर्व हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफ़लिस, वजन, ब्लड प्रेशर एवं अन्य जांच की मुफ्त होती हैं. इसके साथ ही टिटनेस,.डिप्थीरिया, आयरन, कैल्शियम एवं आवश्यक दवाएं मुफ्त दी जा जाती हैं.
भारत में किशोर और युवा आबादी है. दुनिया की बात करें तो सन 2030 तक भारत सबसे युवा आबादी वाला देश रहेगा. यहां के युवा कई चुनौतियों का सामना करने के बाद भी भागीदारी और नेतृत्व में निवेश के साथ सामाजिक और आर्थिक भाग्य को बदल सकते हैं.
जो गर्भवती कोरोना संक्रमित हुई हैं. उनके गर्भस्थ शिशु में यह जोखिम छह प्रतिशत तक अधिक मिला है. वहीं, उन महिलाओं में जिनमें शुरुआती समय जब में गर्भावस्था जाहिर नहीं होती तो ऐसे समय में शिशुओं की विकास दर में देरी का जोखिम तीन प्रतिशत मिला.
, टीबी का इलाज है. इस रोग को हम मात दे सकते हैं. यह कोई मुश्किल काम नहीं है. इसके लिए हमें बस नियमित दवाओं का सेवन करना है. खुद की साफ स फाई रखें और इलाज के दौरान जरूरी परहेज भी करें.
आगरा में स्वास्थ्य विभाग की PCPNDT टीम हाथ पर हाथ रखे बैठी है. मगर, हाल में हरियाणा स्वास्थ्य विभाग और एसटीएफ की कार्रवाई के बाद आगरा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अपनी किरकिरी बचाने के लिए हरकत में आया है.
जोसी प्यूकर्ट का दावा है कि, इस प्रक्रिया में मैंने कोई मेडिकल हेल्प नहीं ली है. मैंने और मेरे पार्टनर ने प्रशांत महासागर में शिशु को जन्म देने का फ़ैसला लिया. मगर, हमने प्रेग्रेंसी की कभी कोई स्कैन भी नहीं कराई. यह पूरा प्रोसेस ’फ़्री बर्थ’ है.