एम्स की रिसर्च के मुताबिक, 28 फीसदी मानसिक रोगी उपचार के लिए पहली बार में आयुर्वेद डॉक्टर्स के पास पहुंचते हैं. इसके साथ ही 12 फीसदी मनोरोगी ही मनोचिकित्सकों के बजाय एलोपैथी के दूसरे डॉक्टर्स के पास उपचार करने पहुंचते हैं.
साल 2019 में जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को 2012 से 2030 के बीच मानसिक स्वास्थ्य की खराब स्थिति के कारण 1.03 ट्रिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान होगा.