नई दिल्ली / वाशिंगटन..
दुनिया में कैंसर एक भयानक बीमारी बनकर उभरा है. जिसका नाम सुनते ही बीमार ही नहीं, उसके परिजन और परिचत सदमे में आ जाते हैं. क्योंकि, अभी भी कैंसर की वजह का सही समय पर पता नहीं चल पाता है. ऐसे में कई बार कैंसर का सही समय पर इलाज न मिलने और इलाज में देरी से तमाम लोगों की मौत हो जाती है. मगर, अब मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के रिसर्चदर ने एक ऐसा कम्प्यूटर मॉडल तैयार किया है. जो इंसान से ज्यादा बेहतर तरीके से कैंसर के शुरुआती चरण की पहचान करेगा. कैंसर कोशिकाओं के जीनोम को तेजी से स्कैन करेगा. कैंसर के कम्प्युटर मॉडल की रिसर्च हाल में ही नेचर बायोटेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई है.
बता दें कि, यह रिसर्च मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और राष्ट्रीय कैंसर संस्थान ने की है. जिसमें रिसर्चर ने कम समय में कैंसर जैसी घातक बीमारी की समय रहते पहचान होगी. रिसर्चर का दावा है कि, कई बार कैंसर म्यूटेट (बदलता) रहता है. जिससे उसकी पहचान करना चुनौतीपूर्ण होता है. जिससे कैंसर जानलेवा भी हो जाता है. मगर, नए कंप्यूटर मॉडल से कैंसर के शुरुआती चरण की सटीकता से पहचान होगी.
अभी 30 फीसदी कैंसर मरीजों की पहचान मुश्किल
रिसर्चर बताते हैं कि, कैंसर के म्यूटेट होने से कई बार यह ट्यूमर का रूप ले लेता है. ऐसे रोगियों की पहचान मुकिश्कल होती है. अभी आंकडे देखें तो कैंसर म्यूटेशन की वजह से करीब 30 फीसदी मामलों में कैंसर के मरीजों की पहचान मुश्किल होती है.
कैंसर के कारणों की पहचान
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रिसर्चर व प्रमुख लेखक मैक्सवेल शेरमेन बताते हैं कि, उनकी टीम बीते दो दशक से मानव जीनोम में ऐसे उत्परिवर्तनों को खोजने की कोशिश कर रही है. जो, कोशिकाओं को अनियंत्रित रूप से बढ़ने या प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने के कारण कैंसर में योगदान देते हैं. इसके दो कारकों की पहचान करने में सफलता मिली है. अब इनके इलाज के लिए दवाएं विकसित की जा सकेंगी.
पहले भी हुए प्रयास, इलाज के नए दरवाजे खुलेंगे
रिसर्चर का कहना है कि, इससे पहले वैज्ञानिकों ने एक अनूठा कंप्यूटर विकसित किया था. जो, सिर्फ 0.3 मिलीमीटर का था. तब इसे बनाने वाले वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि, यह कंम्प्यूटर भी कैंसर का पता लगाने और उसके इलाज करने में बेहद मददगार साबित होगा. रिसर्चर मैक्सवेल शेरमेन बताते हैं कि, दुनियाभर में हर साल लाखों लोग की मौत केवल कैंसर से होती है. कैंसर का इलाज महंगा है. जिससे कई मरीज बिना इलाज कराए ही काल के गाल में समा जाते हैं. मगर, हमारा नया कंम्प्यूटर मॉडल कैंसर का पता लगाने और उसके इलाज के नए दरवाजे खोलने में मदद करेगा.