नई दिल्लीः विश्व में नेत्र रोग ग्लूकोमा (Glaucoma) या काला मोतिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जनता की जागरुकता के लिए हर साल 12 मार्च को विश्व ग्लूकोमा दिवस (World Glaucoma Day) मनाया जाता है. इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ की ओर से हर दिन साल 12 से 18 मार्च तक विश्व ग्लूकोमा सप्ताह (World Glaucoma Week) मनाया जाता है. क्योंकि, ग्लूकोमा या काला मोतिया आंखों का गंभीर रोग है. जिसका सही समय पर इलाज नहीं मिला तो पीड़ित में दृष्टिदोष या दृष्टिहीन का खतरा रहता है. वर्ल्ड ग्लूकोमा एसोसिएशन (World Glaucoma Association) तथा वर्ल्ड ग्लूकोमा पेशेंट नेटवर्क (World Glaucoma Patient Network) संस्थाओं की ओर से विश्व ग्लूकोमा दिवस का आयोजन किया जा रहा है. इस साल वर्ल्ड ग्लूकोमा वीक में 12 से 18 मार्च तक ‘द वर्ल्ड इज ब्राइट, प्रोटेक्ट योर विजन’ ( The world is bright, protect your vision) थीम पर मनाया जा रहा है.
बता दें कि, ग्लूकोमा को ही आमजन काला मोतिया नाम से जानते हैं. लेकिन, काला मोतिया के साथ ही आंखों की ऑप्टिक नर्व के क्षतिग्रस्त होने से जुड़ी कुछ समस्याएं ग्लूकोमा कही जाती हैं. कहें तो ग्लूकोमा एक से ज्यादा नेत्र रोग या समस्याओं का समूह है. जो ऑप्टिक नर्व में नुकसान से जुड़ी हैं. इन नेत्र रोग की समय पर जांच या इलाज नहीं किया गया तो कई बार ये समस्याएं दृष्टि दोष (vision defects) या आंखों की रोशनी भी चली जाती है.
बुजुर्गों में ग्लूकोमा की बीमारी
दरअसल, ग्लूकोमा आमतौर पर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों पर देखा जाता है. लेकिन, कम उम्र के लोगों में यह बीमारी हो रही है. ग्लूकोमा के लिए सिर्फ ज्यादा उम्र ही नहीं बल्कि कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हैं. जिसमें मधुमेह व उच्च रक्तचाप है. जिससे भी लोगों में ग्लूकोमा का जोखिम काफी ज्यादा रहता है. इसके साथ ही जेनेटिक्स या फैमिली में ग्लूकोमा का इतिहास, आंखों में चोट या कोई समस्या, स्टेरॉयड या कुछ अन्य दवाओं का लंबे समय तक सेवन से भी ग्लूकोमा होने का जोखिम बढ़ जाता है.
दस साल में ग्लूकोमा के बढ़े मरीज
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में अंधेपन की दूसरी सबसे बड़ी वजह ग्लूकोमा है. आंकड़ों पर गौर करें तो भारत में लगभग 1.2 मिलियन ग्लूकोमा से पीड़ित हैं. जबकि, वैश्विक स्तर पर 4.5 मिलियन लोग ग्लूकोमा की वजह से अंधेपन का शिकार हैं. नेत्र रोग विशेषज्ञों की मानें तो पिछले 10 साल में ग्लूकोमा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जिसकी मुख्य वजह मधुमेह और उच्च रक्तचाप होना है. इसके अलावा मोबाइल, टीवी व लैपटॉप पर हर उम्र के लोगों का बढ़ता स्क्रीन टाइम भी ग्लूकोमा का मामलों के बढ़ने का मुख्य है.
यूं करें ग्लूकोमा से बचाव
- लाइफ स्टाइल तथा हेल्दी आहार का ध्यान रखें.
- भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें.
- ज्यादा समय तक कंप्यूटर, मोबाइल या टीवी के सामने न बैठें.
- 40 साल की उम्र के बाद हर 2 साल में एक बार आंखों का चेकअप कराएं.
- नियमित व्यायाम करें और वजन नियंत्रित रखें.
- आंखों की सुरक्षा का ध्यान रखकर धूप जानें से बचें.
- आंखों की सफाई का बेहतर ध्यान रखें.
- रोजाना साफ पानी से आंखें अवश्य धुएं.
- आंखों में जलन या दर्द होने चिकित्सक से संपर्क करें.