नई दिल्ली.
विश्व की सबसे उम्रदराज मुक्केबाज और विश्व चैपियन एमसी मैरीकोम एक बार फिर रिंग में उतरेंगी. दुनिया में सर्वाधिक छह बार विश्व चैंपियन रहीं मैरीकोम के मुक्के फिर रिंग में दिखेंगे. 39 वर्षीय मैरीकोम ने इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली है. एमसी मैरीकोम 48 किलोग्राम वर्ग में पांच मुक्केबाजों के बीच बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का टिकट पाने रिंग में उतरेंगी. ये मुकाबले गुरुवार से राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में शुरू होंगे.
विश्व की सबसे उम्रदराज मुक्कबाजों में शुमार एमसी मैरीकोम को इस टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए ट्रायल में 2017 की यूथ विश्व चैंपियन नीतू, 2019 विश्व चैंपियन की रजत विजेता मंजू रानी, मोनिका और युवा एस कलाईवानी से मुकाबले में पार पाना होगा.
यह राष्ट्रमंडल खेल उनके करियर का अंतिम टूर्नामेंट हो सकता है. इस टूर्नांमेंट में एमसी मैरीकोम अपना खिताब बचाकर स्वर्णिम विदाई चाहेंगी. एमसी मैरीकोम ने सन 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में इसी भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था. वैसे बता दें कि, विश्व मुक्केबाजी संघ के नियम के अनुसार 40 साल से ऊपर का कोई भी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में नहीं खेल सकता है. बर्मिंघम खेल 28 जुलाई से आठ अगस्त तक होने हैं. नवंबर में मैरीकोम 40 साल की हो जाएंगी. ऐसे में यह उनका आखिरी टूर्नामेंट हो सकता है. देखा जाए तो मैरीकोम ने एक साल से कोई पदक नहीं जीता है.
यह रहा एमसी मैरीकोम का रिकॉर्ड
मैरीकोम के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो अभी तक मैरीकोम ने 19 पदक (13 स्वर्ण, 3 रजत, 3 कांस्य) ओलंपिक, विश्व और एशियन चैंपियनशिप, एशियाड व राष्टमंडल में जीते हैं. जिसमें से नौ स्वर्ण समेत 13 मेडल तो मैरीकोम ने मां बनने के बाद जीते हैं. मैरीकोम ने विश्व चैंपियनशिप को छोड़कर ओलंपिक, एशियाड और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक मां बनने के बाद जीते हैं.
हर बार मुश्किलों को मात देकर उठीं मैरीकोम
- सन 2007 में दो जुड़वां बेटों को जन्म देने के बाद फिर से रिंग में उतरी और विश्व चैंपियनशिप में लगातार चौथा स्वर्ण जीता था.
- 2013 में तीसरे बच्चे को जन्म देने के बाद फिर खेलीं और 2014 एशियन गेम्स में गोल्डन पंच जड़ा था.
निकहत जरीन को नए भार वर्ग में खेलना होगा
देश की नई विश्व चैंपियन निकहत जरीन (50 किग्रा) को नए भार वर्ग में खेलना होगा. भले ही इस्तांबुल में हुई विश्व चैंपियनशिप में 52 किग्रा में स्वर्ण जीता था. मगर, राष्ट्रमंडल खेलों में यह भार वर्ग नहीं हैं. इसलिए निकहत जरीन को अपना भार वर्ग बदलना पड़ा है. अब विश्व चैंपियन निकहत जरीन को अनामिका, ज्योति गूलिया, मीनाक्षी, मीनाक्षी, सविता व चंद्रिका से चुनौती मिलेगी.
लवलीना करेंगी वापसी
टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना वापसी करेंगी. लवलीना को अपने भार वर्ग 70 किग्रा में अंजिल तुषार, पूजा, प्रियंका, दीपका, सविता और अंकुशिता से पार पाना होगा. लवलीना विश्व चैंपियनशिप में बाहर हो गई थीं.