क्या आप अपने पार्टनर का बात बात पर चूमते हैं ? क्या आप एक चम्मच से खाना खाते हैं ? क्या आप कोक भी एक ही स्ट्रॉ से पीते हैं? क्या आप एक ही आइसक्रीम खाते हैं ? तो सतर्क हो जाइए. आप और आपका पार्टनर भी ‘किसिंग डिजीज’ से ग्रसित हो सकते हैं. क्योंकि, चूमने से ‘किसिंग डिजीज’ हो सकती हैं. इस पर mobycapsule.com ने आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के पल्मोनरी मेडिसिन एंड ट्यूबरकुलोसिस विभाग के विशेषज्ञ डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह से विशेष बातचीत की. उनका कहना है कि, ‘किसिंग डिजीज’ के भारत में कम मामले आते हैं. मगर, यह संक्रमित व्यक्ति को चूमने या उसके साथ एक ही चम्मच या बर्तन में खाना होने से होती है. इसे मेडिकल की भाषा में इंफेक्शियस मोनोन्यूक्लियोसिस या ग्लैंड्यूलर फीवर कहते हैं.
विशेषज्ञ डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह बताते हैं कि, ‘किसिंग डिजीज’ स्वयं सीमित बीमारी (self limiting disease) है, जो सपोर्टिव ट्रीटमेंट से ठीक भी होती है. 90 प्रतिशत मामलों में ‘किसिंग डिजीज’ संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हुई. यह कई वायरस से फैलती है. मनुष्य की लार से एपस्टीन बार वायरस (ईबीवी) एक शरीर से दूसरे के शरीर में फैलता है. क्योंकि, जब कोई व्यक्ति अपने पार्टनर को चूमता है तो यह ईबीवी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचता है. जो धीरे धीरे पूरे शरीर में फैलता है. इस बारे में अमेरिकी संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, किसिंग डिजीज ही ह्यूमन हर्पीज 4 है. जो वायरस हर्पीज फैमिली का है.
यूं फैलता है ईबीवी
एपस्टीन बार वायरस (ईबीवी) सबसे ज्यादा युवा और किशोरों को प्रभावित करता है. ईबीवी से संक्रमित बच्चे में कम लक्षण आते हैं. जबकि, ईबीवी से बुजुर्ग कम संक्रकित होते हैं. वैसे देखा जाए तो ईबीवी वायरस ब्लड ट्रांसमिशन, सेक्शुअल कॉन्टैक्ट, खांसने और छींकने से फैलता है.
‘किसिंग डिजीज’ का इलाज सप्रोर्टिव ट्रीटमेंट
विशेषज्ञ डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह बताते हैं कि, ‘किसिंग डिजीज’ में ईबीवी वायरस की वजह से के संक्रमित एक सप्ताह तक थकान, गले में दर्द, सिर दर्द, टांन्सिल सूजना, शरीर में दर्द, लिवर बढ़ना और बुखार के लक्षण आते हैं. इसलिए ये संक्रमित व्यक्ति को यह लक्षण दिखई देने पर गुनगुने पानी से गरारे करने चाहिए. गले में दर्द होने पर बहुत कम बोलें. क्योंकि, ‘किसिंग डिजीज’ एक एक वायरल डिजीज है. इसमें एंटीबायोटिक काम नहीं करती हैं. ‘किसिंग डिजीज’ के बचाव की कोई वैक्सीन नहीं है. ‘किसिंग डिजीज’ का इलाज सप्रोर्टिव ट्रीटमेंट है. इसके लक्षण एक माह में चले जाते हैं.
‘किसिंग डिजीज’ में यह जोखिम
‘किसिंग डिजीज’ से यूं बचें
- ओरल हाइजीन का ख्याल रखें.
- झूठे बर्तन का उपयोग न करें.
- झूठे गिलास से पानी न पिएं.
- किसी के साथ खाना न शेयर करें.
- किसी के साथ ड्रिंक शेयर न करें.