जब वजन बढ़ना शुरू करता है तो हर दिन एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. बढ़ते वजन से शरीर में कई अन्य स्वास्थ्य जोखिम बढ़ते हैं. जब शरीर के विभिन्न अंगों में एक्स्ट्रा फैट जमा होने लगता है तो बॉडी स्ट्रक्चर बिगड़ जाता है. यदि आप इस समस्या के शिकार हो गए हैं तो आपका बट फैट भी दिन प्रतिदिन बढ़ेगा. जिससे बढ़ता वजन थाइज, पेट के निचले हिस्से और बट को बहुत प्रभावित करता है. बढ़ते वजन से सबसे पहले इन जगहों पर एक्स्ट्रा फैट जमा होने लगता है. समय रहते इसे नियंत्रित न किया गया तो शरीर के स्ट्रक्चर प्रभावित होगा. बट फैट बढ़ने के कई कारण हैं.
जाने बट फैट होने के 3 समान्य कारण

मेनोपॉज के दौरान
बता दें कि, मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल चेंजेज की वजह से हिप, बटॉक्स और पेट के निचले हिस्से में फैट जमा होता है. प्रीमेनोपॉज और मेनोपॉज के समय एस्ट्रोजेन ड्रॉप होने से भी बट फैट जैसी समस्या देखने को मिलती है.
अस्वस्थ खानपान की आदत भी अहम
दरअसल, प्रोसैस्ड फूड, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और शुगर ड्रिंक्स जैसे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन पेट के निचले हिस्से, हिप और बटॉक्स में फैट जमा होने का होता है. जिससे इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है. जिससे बॉडी में फैट स्टोरेज बढ़ने लगता है.
लंबे समय से चल आ रहा तनाव
अधिक समय तक तनाव रहना भी फैट को बढ़ता है. तनाव से शरीर कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होता है. लंबे समय से तनाव में रहने के कारण ब्लड में कॉर्टिसोल लेवल बढ़ता है. जो बेली और बट फैट बढ़ने की वजह है.
बट फैट कम करने के लिए यह पांच इफेक्टिव एक्टिविटीज
रनिंग से एक्स्ट्रा फैटस बर्न
शरीर के किसी भी पार्ट्स का एक्स्ट्रा फैट कम करने के लिए सबसे ज्यादा प्रभावी तरीका रनिंग है. रनिंग लेग और बट मसल्स को टोन करता है. जिससे थाइज और बटॉक्स के एक्स्ट्रा फैटस बर्न होते हैं. जिससे ही एक अच्छी शेप मिलती है. इतना ही नहीं, रनिंग हार्ट और लंग्स फंक्शनस को भी संतुलित रखती है.
साइड लाइंग हिप एबडक्शन
साइड लाइंग हिप ऐब्डक्शन ग्लूटस मेडियस मसल्स मजबूत होती है. यह एक्सरसाइज एक्स्ट्रा फैट को रिड्यूस करने के साथ घुटनों का दर्द भी कम करती है. साइड पोजीशन में लेट जाएं. अपने हाथों के सहारे सिर को ऊपर की ओर रखें. घुटने और पैर को बिल्कुल सीधा रखें. अब धीरे.धीरे अपने एक पैर को जितना हो सके उतना ऊपर उठाएं. बिना हिले डुले उसी पोजीशन में ऐसा करना है.
खूब सीढ़ियां चढ़ें
फैट बर्न करने के लिए खूब सीढ़ियां चढ़ें. बट फैट रिड्यूस करने का यह सबसे आसान और प्रभावी तरीका है. सीढ़िया चढ़ते वक्त हमारे बट और थाइज के मसल्स पर प्रेशर पड़ता है. जिससे अच्छी शेप मिलती है.
स्क्वाट्स से भी फैट करें बर्न
स्क्वाट सभी के एक्सरसाइज प्लान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. स्क्वाट में बट, लेग्स और पेट के निचले हिस्से की मसल्स पर एक साथ काम कर सकता है. एक्सपर्ट की मानें तो स्क्वाट बट फैट कम करने के लिए एक सबसे बेहतर विकल्प है. दिन में कम से कम 20 स्क्वाट का सेट 3 से 4 बार करें.
लंजेज करे मसल्स को रिलैक्स
लंजेज से भी शरीर के निचले हिस्से को मजबूती देता और ग्लूटस मैक्सिमस को भी एक्टिवेट करता है. लंजेज से बट, थाइज और पेट के निचले हिस्से की मसल्स को रिलैक्स करता है. एक्स्ट्रा फैट को रिड्यूस करने में मदद करता है.