भारत में बड़ी तेजी से महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) की चपेट में आ रही हैं. यह एक आम हार्मोनल विकार है. जिसमें महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है. वैसे तो PCOD/PCOS का इलाज हर पद्धति में हैं. मगर, हम बात करेंगे कि, मोठी गोली यानी शुगर ऑफ़ मिल्क से PCOD/PCOS का कैसे इलाज होता है.
mobycapsule.com ने दिल्ली के मशहूर होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. दीपक शर्मा से PCOD/PCOS पर एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने बताया कि, मोठी गोली यानी शुगर ऑफ़ मिल्क से जटिल से जटिल बीमारी जड़ खत्म हो जाती है. पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) क्या है ? PCOD/PCOS का होम्योपैथी में इलाज संभव है. महिला और लड़कियों की प्रजनन उम्र में PCOD/PCOS एक आम हार्मोनल विकार है. जो 18 से 44 साल की उम्र की महिलाओं में ज्यादा होता है.
PCOD/PCOS क्या है ?
PCOD/PCOS एक हार्मोनल विकार है. प्रजनन उम्र में 10 से 15 फीसदी महिलाएं इससे ग्रसित होती हैं. PCOD/PCOS में हार्मोनल डिसऑर्डर से ओवरी के अंदर कई छोटी सिस्ट बन जाती हैं. जिससे अनियमित पीरियड्स, शरीर पर अधिक बाल उगना, मोटापा बढ़ना और लगातार ऐक्ने की समस्या रहना. इसके लक्षण हैं. इसका पता अल्ट्रासाउंड से होता है. PCOD/PCOS का मुख्य कारण जेनेटिक और एंवायर्नमेंटल होता है. यह लाइफस्टाइल, खान-पान से जुड़ी आदतों, स्ट्रेस और शारीरिक गतिविधि की कमी से भी होता है.
रिसर्च में होम्योपैथी की दवा से 66 प्रतिशत मरीज ठीक
होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. दीपक शर्मा बताते हैं कि, मैंने PCOD/PCOS पर रिसर्च किया है. जिसके मुताबिक, होम्योपैथी के उपचार से PCOD/PCOS के 66 प्रतिशत मरीज ठीक हुए हैं. PCOD/PCOS से ग्रसित महिलाएं जितनी जल्द होम्योपैथी का इलाज कराएंगी. उतनी ही जल्द उनकी यह बीमारी ठीक हो जाएगी. हमारे क्लीनिक में कई ऐसी महिलाएं आईं तो PCOD/PCOS की वजह से तीन से चार माह से लगातार हार्मोनल टेबलेट ले रही थीं. वे होम्योपैथी के उपचार में उतनी ही देरी से ठीक हो रही हैं. लोगों की यह लगत धारणा है कि, होम्योपैथी की दवाएं धीरे धीरे काम करती है. होम्योपैथी के चिकित्सक के पास बहुत देरी से मरीज पहुंचते हैं. इसलिए उपचार में जल्दी आएगी.
खुद न बनें डॉक्टर
होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. दीपक शर्मा बताते हैं कि, सबसे पहले PCOD/PCOS की प्रापर जांच कराएं. हार्मोनल जांच कराएं. इसके बाद ही उपचार शुरू करें. यह भी हो सकता है कि, PCOD/PCOS आपके खानपान की वजह से हुआ हो. इसलिए पहले यह साफ होना चाहिए. सोशल मीडिया के ऐसे प्लेटफार्म से न जुडिए जो विशेषज्ञ नहीं हैं. सबसे चिकित्सक से मिलें. उससे अपनी बीमारी साझा करें. इसके बाद अपनी बीमारी का इलाज चिकित्सक से ही कराएं. खुद ही अपना ट्रीटमेंट न करें.
महिला और बच्चियों की काउंसलिंग जरूरी
होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. दीपक शर्मा बताते हैं कि, आज PCOD/PCOS की चपेट में वे बच्चियां आ रही हैं. जिनका अभी हाल में मासिक चक्र शुरू हुआ है. वे भी PCOD/PCOS से ग्रसित हो रही हैं. इसकी तमाम वजह हैं. इसका सबसे मुख्य कारण खानपान में बदलाव है. व्यायाम न करना. इसके साथ ही काउंसलिंग भी नहीं होने से भी PCOD/PCOS होता है. क्योंकि, मासिक चक्र में क्या खानपान होना चाहिए. कैसे डाइट रखें. इसकी जानकारी बेटियों को नहीं दी जाती है. इसकी वजह से ही PCOD/PCOS हो रहा है.
PCOD/PCOS का होम्योपैथी में इलाज
होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. दीपक शर्मा बताते हैं कि, होम्योपैथी में मरीज के लक्षण ध्यान में रखकर दवा बनाई जाती है. हर मरीज की अलग होती है. जो, लक्षण और बीमारी की स्थिति पर निर्भर है. होम्योपैथी की दवाएं ग्रंथियों की अधिक सक्रियता का संतुलित करती हैं. हार्मोनल नियंत्रित होने से ओवरी की सिस्ट ठीक होती है. होम्योपैथी की दवाओं से हार्मोनल संतुलन, सामान्य ओव्यूलेशन, नियमित मासिक धर्म की समस्या दूर होती है. जब तक मासिक धर्म नियमित न हो और ओवरी में मौजूद सिस्ट गायब न हो. तब तक होम्योपैथी की दवाएं लें. होम्योपैथी से उपचार कराने पर महिला के गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाती है.