UP News : उप्र सरकार में चिकित्सा शिक्षा व प्रशिक्षण की महानिदेशक (डीजीएमई) किंजल सिंह ने सरकारी मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टर्स की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. हर चिकित्सक की सुबह और शाम को बॉयोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था लागू की है.
आगरा, उत्तर प्रदेश.
UP News : आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर शिकंजा कसने जा रहा है। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) किंजल सिंह के प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने के आदेश के बाद कॉलेज प्रशासन ने भी सख्ती कर दी है. जिसके चलते अब सुबह नौ से 9.30 बजे के बीच डॉक्टर्स को बॉयोमीट्रिक हाजिरी लगानी होगी. इसके बाद शाम चार बजे तक कालेज में ही रहना होगा. पहले ही कर्मचारियों के लिए भी बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी है. इसी हाजिरी से उनकी तनख्वाह जारी की जाएगी.
बता दें कि महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) किंजल सिंह ने बीते दिनों उप्र में सरकारी डॉक्टर्स की निजी प्रैक्टिस को लेकर एक आदेश जारी किया था. जिसमें सरकारी डॉक्टर्स की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगा दी थी. जिससे प्रदेश के सरकारी डॉक्टर्स में खलबली मची हुई है.

UP News : एसएनएमसी में 242 डॉक्टर्स तैनात
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की बात करें तो यहां पर 242 डॉक्टर्स तैनात हैं. जिनमें 126 स्थायी डॉक्टर्स हैं. इनके प्राइवेट प्रैक्टिस करने पर पूरी तरह से रोक है. इन्हें नान प्रैक्टिस एलाउंस मिलता है. इसमें से कई डॉक्टर एक दो घंटे के लिए ही एसएन में आते हैं. इसके साथ ही यहां पर संविदा पर 116 डॉक्टर तैनात हैं. जिन्हें नॉन प्रैक्टिस भत्ता नहीं दिया जाता है. ये डॉक्टर भी शाम चार बजे के बाद ही प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं. मगर, अधिकांश संविदा डॉक्टर्स भी ओपीडी वाले दिन ही कालेज में ड्यूटी के समय पर रहते हैं. अन्य दिनों में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं.
UP News : प्राइवेट प्रैक्टिस करते पकड़ने पर सख्त कार्रवाई
एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डीजीएमई किंजल सिंह के आदेश के बाद सख्ती बढ़ाई गई है. अब सुबह नौ से 9.30 बजे के बीच डॉक्टर्स और कर्मचारियों को सुबह 10 बजे बायोमीट्रिक हाजिरी लगानी है. शाम को चार बजे तक कॉलेज में रहना अनिवार्य है. शाम को जाने के समय भी बॉयोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य की जाएगी. इस बारे में सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं. वे उनके विभाग में ड्यूटी के समय डॉक्टर मौजूद रहें. बॉयोमीट्रिक हाजिरी को अनिवार्य कर दें. निगरानी करें कि कोई डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस ना करे. प्राइवेट प्रैक्टिस करते पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.