UP News: आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में सोमवार को बच्चे की मौत पर हंगामा हुआ. तीमारदारों ने आरोप लगाया कि इंजेक्शन लगाते ही बच्चे की मौत हुई है.
आगरा, उत्तर प्रदेश.
UP News: उत्तर प्रदेश के आगरा में सिथत एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में सोमवार को बच्चे की मौत पर तीमारदारों ने हंगामा किया. तीमारदारों ने इंजेक्शन लगाते ही बच्चे की मौत होने का आरोप लगाया. जिससे एसएनएमसी के स्टॉफ और तीमारदारों के बीच तनातनी हुई. मगर, बाद में एसएनएमसी प्रबंधन ने तीमारदारों को समझा-बुझाकर घर भेज दिया.
बता दें कि फिरोजाबाद जिले के जसरना थाना क्षेत्र के गांव नगला मुहारी निवासी हाकिम सिंह और ममता अपने चार माह के बच्चे खुश को लेकर मंगलवार को एसएन मेडिकल कॉलेज आए. उसे जन्म से ही सांस आदि लेने की समस्या बताई गई थी. इमरजेंसी में बच्चे को एक दिन रखकर बुधवार को बाल रोग विभाग के एनआईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया. तब से वहां इलाज चल रहा था. परिजन और तीमारदारों का आरोप है कि सोमवार दोपहर डॉक्टरों ने बच्चे को एक साथ तीन इंजेक्शन लगाए. जिससे उसकी हालत खराब हो गई. इसके थोड़ी ही देर में बच्चे ने दम तोड़ दिया. इस पर तीमारदार और एसएनएमसी स्टॉफ के बीच तनातनी हुई. एक दूसरे के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया. कुछ देर तनातनी के बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को समझा-बुझाकर भेज दिया.
जन्मजात ह्रदय विकार से ग्रसित था बच्चा
एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि बच्चे को जन्मजात ह्रदय विकार था. जब उसे दूध पिलाया तो बच्चे की सांस नली में दूध फंस गया था. इसलिए उसे तत्काल वेंटीलेटर पर लिया गया. चिकित्सक और स्टॉफ ने बच्चे को बचाने की कोशिश की. मगर, बच्चे को बचाया नहीं जा सका.
शिकायत ऊपर तक करेंगे
पिता हाकिम सिंह ने आरोप लगाए कि इंजेक्शन से पहले ही बच्चे ने दूध पिया था. वह ठीक था. इंजेक्शन लगाने के बाद ही हालत बिगड़ गई. अस्पताल में कोई सुनता नहीं है. चादर भी तीन दिनों के बाद बदली जाती है. इस मामले की शिकायत ऊपर तक करेंगे.