नई दिल्ली.
नमक खाने को लेकर हम गंभीर नहीं हैं. दुनियाभर में लोग आज मानक से दोगुना नमक खा रहे हैं. यह खुलासा विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की सोडियम सेवन पर जारी पहली वैश्विक रिपोर्ट में हुआ है. डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में औसतन 10.8 ग्राम प्रतिदिन नमक का सेवन लोग कर रहे हैं. जबकि, डब्लूएचओ की मानें तो एक व्यक्ति को प्रति दिन 5 ग्राम से कम नमक खाना चाहिए. सबसे बड़ी बात यह है कि, भारत में रोजाना एक व्यक्ति 9.8 ग्राम नमक खा रहा है. जो मानक से करीब दो गुना है.
बता दें कि, अधिक नमक के सेवन से बहुत परेशानी होती है. अधिक नमक के सेवन से लोग हाई ब्लडप्रेशर के मरीज बन रहे हैं. अधिक नमक के सेवन से लोगों में आहार और पोषण संबंधी तमाम बीमारियां हो रही हैं. जो मौतों का भी अहम कारण हैं. ज्यादा नमक खाने से गैस्ट्रिक कैंसर, मोटापा, ऑस्टियोपोरोसिस और गुर्दे की बीमारियां भी होती हैं.
30 फीसदी कमी का लक्ष्य हासिल नहीं होगा
डब्लूएचओ की जारी रिपोर्ट के मुताबिक, नमक के कम सेवन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. अगर, हम दुनिया की बात करें तो सन 2025 तक सोडियम सेवन में कमी लाने की पूरी योजना बनाई गई है. मगर, जिस तरह के अभी हालात हैं. उससे सन 2025 तक 30 फीसदी लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल है. इसकी वजह यह है कि, सोडियम, एक आवश्यक पोषक तत्व है. जब इसकी अधिक मात्रा का सेवन किया जाए तो हृदय रोग और स्ट्रोक से समय से पहले मौत का खतरा है. जबकि, सोडियम का मुख्य स्रोत सोडियम क्लोराइड यानी नमक ही है.

पांच देशों में अनिवार्य सोडियम कटौती
डब्लूएचओ की मानें तो केवल 5 सदस्य देशों में ही अनिवार्य और व्यापक सोडियम कटौती नीतियों लागू हैं. जबकि, 73 देशों में ऐसी कोई नीति लागू नहीं है. इस बारे में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस का कहना है कि, खराब खाना विश्व स्तर पर मृत्यु और बीमारी का एक प्रमुख कारण है. अत्यधिक सोडियम का सेवन इसके लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है. तमाम देशों ने किसी भी अनिवार्य सोडियम कटौती नीतियों को नहीं अपनाया है. जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा है.
टल सकती हैं 70 लाख मौतें
डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, नमक की खपत कम करने से 2025 तक 22 लाख तथा नीतियों को लागू करने से 2030 तक वैश्विक स्तर पर 70 लाख लोगों की मौत को टाला जा सकता है. केवल नौ देश जिनमें ब्राजील, चिली, चेक गणराज्य, लिथुआनिया, मलेशिया, मैक्सिको, सऊदी अरब, स्पेन और उरुग्वे में सोडियम का सेवन कम करने की नीतियां हैं.