नई दिल्ली.
कोविड-19 महामारी से जूझ रही दुनिया में एक दुर्लभ संक्रमण पैर पसारने लगा है. जिसको लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं. इस बीमारी का नाम मंकीपॉक्स (monkeypox) है. जो ब्रिटेन, इटली, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और अमेरिका में तेजी से फैल रही है. इसके साथ ही कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस में इस बीमारी के संभावित संक्रमणों की जांच की जा रही है.दुनिया में अभी तक मंकीपॉक्स (monkeypox) के 100 से अधिक संदिग्ध और पुष्ट वाले मरीज मिले हैं. गनीमत यह है कि, अभी तक भारत में एक भी मंकीपॉक्स (monkeypox) का मरीज नहीं मिला है. इससे चौंकाने वाली बात यह है कि, हेल्थ एक्सपर्ट ने दुनियां में ‘मंकीपॉक्स’ (Monkeypox) की वजह ‘रिलेशन’ बनाने से फैलने की चेतवनी जारी की है.
मंकीपॉक्स (Monkeypox) क्या है?
मंकीपॉक्स ((monkeypox)) मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है. जो सबसे पहले मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में मिला था. पहली बार 1958 में किए गए शोध में बंदरों में पाया गया था. इसके बाद मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला केस सन 1970 में मिला था. 1980 में चेचक के उन्मूलन और बाद में स्मॉल पॉक्स के टीकाकरण की समाप्ति के साथ मंकीपॉक्स (Monkeypox) सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बेहद गंभीर समस्या बनकर उभरा है. यह (Monkeypox Virus) एक डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है.
हैदराबाद के यशोदा अस्पताल में संक्रामक रोगों पर सलाहकार डॉ. मोनालिसा साहू बताती हैं कि, मंकीपॉक्स (monkeypox) एक दुर्लभ जूनोटिक बीमारी है. जो, मंकीपॉक्स वायरस (monkeypox virus) के संक्रमण से होती है. यह मंकीपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडे परिवार का है. डॉ. मोनालिसा साहू बताती हैं कि, अफ्रीका के बाहर, अमेरिका, यूरोप, सिंगापुर, ब्रिटेन में अभी मंकीपॉक्स के मरीज मिले हैं. इन मामलों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा व बीमारी से ग्रस्त बंदरों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से जोड़ा गया है.
मंकीपॉक्स (monkeypox) बीमारी के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, मंकीपॉक्स (monkeypox) में बुखार, शरीर पर दाने और गांठ उभरती हैं. इससे कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं पैदा होती हैं. मंकीपॉक्स (monkeypox) के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखते हैं. जो अपने आप दूर होते हैं. इसमें मृत्यु दर का अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है. लेकिन मृत्यु दर 10 प्रतिशत तक हो सकती है.
इन जानवरों से फैलता है मंकी पॉक्स
वैसे तो कई जानवरों की प्रजातियों से मंकीपॉक्स वायरस के फैलने का जिम्मेदार बताया जाता है. इनमें गिलहरी, गैम्बिया पाउच वाले चूहे, डर्मिस, गैर-मानव प्राइमेट और अन्य प्रजातियां शामिल हैं. यह जानवर अपने रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि, कुछ संक्रमण यौन संपर्क के माध्यम से संचरित हो सकते हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि, समलैंगिक या उभयलिंगी लोगों की जांच कराई जा रही है.
ने जारी की
दुनिया में ‘मंकीपॉक्स’ (Monkeypox) बीमारी का पहला मरीज 7 मई को लंदन में मिला. मरीज हाल ही में नाइजीरिया से लौटा था. इसके बाद अमेरिका, स्पेन, पुर्तगाल समेत कई देशों में Monkeypox के मरीज मिले हैं. डॉक्टरों को समझ नहीं आ रहा है कि इस बीमारी का ओरिजिन क्या है और यह अलग-अलग देशों में कैसे फैल रही है. हेल्थ एक्सपर्ट इस बीमारी के लक्षण समझकर इसका इलाज ढूंढने में लगे हैं. हालांकि अभी तक उन्हें कामयाबी नहीं मिली है.