यूपी और उत्तर भारत में सुबह नौ बजे से ही लू चलने लगती है. मार्च में ही मई और जून जैसे गर्मी तेवर दिखा रही है. घर से निकलते ही लू के थपेड़े सताने लगते हैं. इस मौसम में गर्भवती महिलाएं बेहद सजग रहें. वे अपने खानपान और स्वास्थ्य पर ध्यान देें. क्योंकि, भीषण गर्मी में जरा सी लापरवाही गर्भवती और उसके गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है.
गर्भवती महिलाओं को इस मौसम में अपनी विशेष देखभाल करनी चाहिए. mobycapsule.com ने गर्मी में गर्भवती की देखभाल को लेकर भरतपुर की प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. नुपुर सिंह से बातचीत की. उन्होंने गर्भवती और गर्भस्थ शिशु की देखभाल के टिप्स दिए. आयुर्वेदाचार्य डॉ. नुपुर सिंह बताती हैं कि, भीषण गर्मी में गर्भवती महिलाएं घर पर रहें. भोजन कम लें. पेय पदार्थ खूब पिएं. ताजे मौसमी फल खाएं. जिससे गर्भवती के साथ ही उसके गर्भ में पल रहा शिशु भी हीट स्ट्रोक ( लू लगने से) से बचेगा. और दोनों हेल्दी रहेंगे.
गर्भवती में हीट स्ट्रोक के लक्षण
- अचानक चक्कर आना.
- शरीर का तापमान बढ़ना.
- धड़कन तेजी से चलना.
- त्वचा व नाक खुश्क होना.
- महिला की त्वचा लाल होना.
- गर्भवती को तेज सिरदर्द होना.
- मांसपेशियों में ऐंठन व कमजोरी.
- ज्वर के साथ बेचैनी होना.
- ज्वर के साथ उल्टी होना.
- गर्मी से बेहोश हो जाना.
लू से बचने को यह करें
- गर्मियों में खूब पानी पिएं.
- गर्मी में नींबू पानी खूब पिएं.
- शिकंजी बनाकर खूब पिएं.
- गर्मी में खूब छाछ पिएं.
- मौसमी फल हर रोज खाएं.
- सामान्य तापमान पर रखा हुआ खाना लें.
- खाने से पहले पानी पिएं.
- खाना भूख से कम खाएं.
- मनोयोग से सुखासन में भोजन करें.
- छाता और सनग्लॉसेज लगाएं.
- स्वच्छता का ख्याल रखें.
- हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें.
यह न करें गर्भवती
- तेज धूप में जाने से परहेज करें.
- भरपेट भोजन करने से परहेज करें.
- गर्मियों में बाहर का खाना न खाएं.
- नारियल पानी व पैक जूस न पिएं.
- बासी खाना खाने से परहेज करें.
- तला-भुना और गरिष्ठ भोजन न लें.
- गर्भवती दही खाने से परहेज करें.
- गर्भवती शाम के समय टहलें नहीं.