नई दिल्ली.
दुनियां में हर आठवां व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है. जबकि, भारत में यह हर सातवां रोगी मानसिक अस्वस्थ है. यह हम नहीं, हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है. इतना ही नहीं, कोरोना के बाद से मानसिक विकार से ग्रसित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है. बता दें कि, डब्ल्यूएचओ ने मानसिक स्वास्थ्य की अपनी समीक्षा के बाद दुनिया के देशों में बिगड़ती मानसिक परिस्थितियों को लेकर आगाह किया है.
भारत में हर सातवां व्यक्ति मानसिक अस्वस्थ
दरअसल, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के आंकड़ों के मुताबिक, भारत की जनसंख्या में हर सातवां व्यक्ति मानसिक विकारों का सामना कर रहा है. कोरोना महामारी के बाद देश में मानसिक रूप से अस्वस्थ्य लोगो की संख्या तेजी से बढ़ी है.
आत्महत्या से ज्यादा मौत
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सालों में दुनिया भर में आत्महत्या मौत की प्रमुख वजह मानसिक अस्वस्थ होना पाया गया है. हर साल, एचआईवी, मलेरिया या युद्ध और हत्या से अधिक लोग आत्महत्या कर रहे हैं. बीएचयू के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. राकेश पांडेय बताते हैं कि, भारत में मानसिक अस्वस्थता की वजह जागरूकता का अभाव है. इसलिए जिसे भी मानसिक अस्वस्थता का लक्षण दिखें. उसे तत्काल मनोरोग विशेषज्ञ को दिखाएं. जिससे उसकी बीमारी का इलाज किया जा सके.