Baby Care In Winets: सर्दी की दस्तक से मासूम बच्चों को डायरिया चपेट में लेता है. ये रोटावायरस की वजह से होता है. ऐसे में रोटावायरस से बचाव के लिए बच्चों को टीका जरूर लगवाएं. आइए, जानते है विशेषज्ञ के टिप्स और ट्रिक्स…
आगरा, उत्तर प्रदेश
Baby Care In Winets: सर्दी धीरे धीरे अपने तेवर दिखा रही है. जैसे जैसे सर्दी जोर पकड रही हे. ऐसे में मासूम बच्चों के लिए रोटावायरस (Rotavirus) के चपेट में आने खतरा बढ गया है. सर्दी में मासूम की सेहत का ख्याल कैसे रखें. अपने बेटा और बेटी को रोटावायरस से कैसे बचाएं. रोटावायरस डायरिया का नवंबर से फरवरी तक अधिक प्रकोप रहता है. रोटावायरस डायरिया की चपेट में आए मासूम को दस्त (पानी जैसे), उल्टी, बुखार, पेट दर्द, डिहाइड्रेशन ( अत्यधिक प्यास, निढाल हो जाना या बेहोश हो जाना, कमजोरी निर्जलीकरण के प्रमुख लक्षण है), थकान, भूख न लगना, पेट में क्रैम्प्स हैं. यदि ऐसे लक्षण आपके मासूम को हैं तो सतर्क हो जाएं. जल्द ही उसे नजदीकी अस्पताल लेकर जाएं. चिकित्सक से परामर्श के साथ ही उपचार शुरू करें. आइए, आगरा की सीडीओ और सीएमओ इस बारे में क्या कहते हैं. नवजात शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ के टिप्स भी जानिए.
Baby Care In Winets: बच्चों को टीका जरूर लगवाएं (Make sure to vaccinate children)
आगरा की मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह ने बताया कि जनता से अपील है बच्चों के स्वस्थ भविष्य के लिए टीकाकरण जरूर कराएं. अभिभवक अपने शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों का समय से टीकाकरण कराएं. क्योंकि इससे मासूम को 11 जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकता है. जिसमें से एक रोटावायरस भी है. रोटावायरस टीकाकरण के लिए रोटावायरस टीके की पहली खुराक 6-8 सप्ताह के बच्चे को दी जाता है. उसके बाद एक-एक माह के अंतर पर दो या 3 खुराकें दी जाती हैं. टीका 85-98% प्रभावी है. यह टीका एक साल से कम के बच्चे को ही दिया जा सकता है. इसलिए बच्चों को नियमित टीकाकरण के तहत समय से टीका अवश्य लगवाएं. यदि आपको या आपके बच्चे को रोटावायरस डायरिया के लक्षण दिखाई देते हैं. तो इसमें देरी नहीं करें. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

Baby Care In Winets: संक्रमित के सम्पर्क से फैलता है रोटावायरस (Rotavirus spreads through contact with the infected)
आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि सर्दी के इस मौसम में डायरिया होने का मुख्य कारण रोटावायरस हैं. ये एक प्रकार का वायरल संक्रमण हैं. रोटावायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से संक्रमण तेजी से फैलता है. ये संक्रमित के हाथों, डायपर, खिलौने, चेंजिंग टेबल, या दरवाज़े के हैंडल छूने से, खराब स्वच्छता के कारण, जैसे कि हाथों को साबुन से न धोना , दूषित पानी और भोजन आदि से फैलता है. रोटावायरस डायरिया से बचाव के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच और रोटावायरस टीकाकरण अवश्य कराएं.

Baby Care In Winets: नवंबर से फरवरी तक रोटावायरस से डायरिया (Diarrhea due to rotavirus from November to February)
जिला महिला चिकित्सालय (लेडी लॉयल) की नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. खुशबू केसरवानी बताती हैं कि रोटावायरस डायरिया एक संक्रामक बीमारी है. जो रोटावायरस नामक वायरस के कारण होती है. ये बीमारी मुख्य रूप से छोटे बच्चों को प्रभावित करती है. छोटे बच्चों में इनफेक्शियस डायरिया का प्रमुख कारण है. रोटावायरस डायरिया 6 महीने से 5 वर्ष तक के बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले वयस्कों को भी हो सकता है. यदि हम इस मौसम की बात करें तो नवंबर से फरवरी तक रोटावायरस डायरिया के मामले अधिक आते हैं. इसकी वजह में मौसम संबंधी कारण, स्वच्छता संबंधी कारण, सामाजिक कारण और स्वास्थ्य संबंधी कारण शामिल हैं. इसके लक्षणों में दस्त, उल्टी, बुखार, पेट दर्द और डिहाइड्रेशन शामिल हैं. इस वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए टीकाकरण, स्वच्छता और सावधानी बरतना आवश्यक है.

Baby Care In Winets: रोटावायरस डायरिया के लक्षण
- दस्त (पानी जैसे)
- उल्टी
- बुखार
- पेट दर्द
- डिहाइड्रेशन (अत्यधिक प्यास, निढाल हो जाना या बेहोश हो जाना, कमजोरी निर्जलीकरण के प्रमुख लक्षण है)
- थकान
- भूख न लगना
- पेट में क्रैम्प्स
रोटावायरस डायरिया का बचाव
- रोटावायरस टीकाकरण
- स्वच्छ पानी पीना
- हाथों की स्वच्छता बनाए रखना
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाना
- नियमित स्वास्थ्य जांच
रोटावायरस डायरिया का इलाज
- तरल पदार्थों का सेवन (ओआरएस)
- आराम
- डिहाइड्रेशन का इलाज
- अगर मरीज को गंभीर निर्जलीकरण हो गया हो तो अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है
रोटावायरस टीकाकरण
- रोटावायरस टीके की पहली खुराक 6-8 सप्ताह के बच्चे को दी जाता है।
- उसके बाद एक-एक माह के अंतर पर दो या 3 खुराकें दी जाती हैं।
- टीका 85-98% प्रभावी होता है।
- यह टीका 1 साल से कम के बच्चे को ही दिया जा सकता है