अमेरिकी वैज्ञानिकों ने मेडिकल साइंस से एक बेहतरीन कारनामा किया है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक एचआईवी (HIV) संक्रमति महिला का इलाज करके बिल्कुल ठीक किया है. वैज्ञानिकों ने महिला का ‘स्टेमसेल ट्रांसप्लांट’ से उपचार किया है. जिससे महिला को वायरस मुक्त करने में सफलता मिली है. जिसकी चर्चा अब दुनिया में हो रही है.
बता दें कि, HIV एक लाइलाज बीमारी है. यह रोग जिसे लगा. उसे बचाना मुश्किल है. मगर, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की डॉ. इवोन ब्राइसन और बाल्टीमोर की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की डॉ. डेब्रा परसॉड एक रिसर्च की है. जिसमें उन्होंने खुलासा किया है कि, पहली बार गर्भनाल के खून का इस्तेमाल करके महिला के ल्युकेमिया का इलाज किया. वह महिला अब स्वस्थ है. उसकी 14 माह तक मॉनीटरिंग की गई. पहली बार HIV की महिला रोगी पर यह रिसर्च किया गया. जिसमें महिला को एक भी दवा नहीं दी गई. HIV से अभी तक तीन मरीज ठीक हुए हैं. उनमें एक महिला है.
सन 2013 में मालूम हुआ HIV होने का
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की डॉ. इवोन ब्राइसन और बाल्टीमोर की जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की डॉ. डेब्रा परसॉड का दावा है कि, सन 2013 में महिला को HIV संक्रमित होने की जानकारी हुई थी. इसके बाद चार बीतने पर उसे ल्यूकेमिया की जानकारी हुई. उसके ब्लड कैंसर का इलाज हैप्लो-कॉर्ड ट्रांसप्लांट से किया गया. सन 2017 में आखिरी बार महिला का ट्रांसप्लांट हुआ था. इसके तीन साल बाद चिकित्सकों की टीम ने महिला के HIV इलाज बंद किया. तब से ही महिला स्वस्थ हे. वह अब HIV की चपेट में नहीं आई है.
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