आगरा.
स्पेन की संस्था बेकोज़ बेको की निदेशक इजासकुन बार्बिएर, नर्स मालेन ऐथथागिरे, अधिवक्ता मिरेन , चार दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम पर आयी हैं. सोमवार को आगरा में शीरोज हैंगऑउट कैफे में एसिड अटैक सर्वाइवर्स से रूबरू हुईं. सोमवार को शीरोज हैंगऑउट कैफे में यौन स्वास्थ्य (Sexual Health) पर वर्कशॉप हुई. जिसमें आगरा, लखनऊ, नोएडा और ओडिशा की 30 एसिड अटैक सर्वाइवर्स सीधे व ऑनलाइन जुड़ीं.

बता दें कि. छाँव फाउंडेशन की ओर से देश में एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए शीरोज हैंगऑउट कैफे संचालित किये जाते हैं. जहां पर एसिड अटैक सर्वाइवर्स के पुनर्वास और आत्म निर्भर बनाने पर जाता है. इस संथा की ओर से उन्हें रोज़गार दिया जाता है. तमाम तरह प्रशिक्षण दिए जाते हैं. जिससे हर एसिड अटैक सर्वाइवर्स अपने पैरों पर खड़ी हो सकें. शीरोज हैंगऑउट कैफ़े में भोजन पानी के साथ पुस्तकालय की भी सुगम व्यवस्था है. आगरा का शीरोज हैंगऑउट कैफ़े आगरा आने वाले पर्यटकों में ख़ासा लोकप्रिय है. यहाँ कार्यरत एसिड अटैक सर्वाइवर्स महिला सशक्तिकरण का जीता जगता उदारहण हैं.

भारत में आज की अशिक्षा गरीबी व् अन्धविश्वास के कारण महिलाओं को अनेक तरह की यौन रोगों का शिकार होना पड़ता है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के ताज़ा आकड़ों के मुताबिक़, भारत में आज भी पच्चीस प्रतिशत लड़कियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है. परिवार में रूढ़िवादिता की वजह से यौन स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी नहीं दी जाती है. जिससे तमाम तरह की दिक़्क़तों का सामना नवविवाहिताएं करती हैं. इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए बेकोज़ बेको संस्था ने एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए यौन स्वास्थ्य विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की.

कार्यशाला में स्पेन से आयी नर्स मालेन ऐथथागिरे माहवारी के दौरान बरतने वाली सावधानियों को समझा इस दौरान उन्होंने यौनि की संरचना और यौन सम्बन्ध बनाते समय बरतने वाली सावधानियों को भी बारीकी से समझाया. शीरोज हैंगऑउट कैफ़े में काम करने वाली डॉली ने कहा कि, मेरी हाल में शादी हुई है. कार्यशाला में बहुत उपयोगी जानकारी दी गयी. कैफ़े की मैनजेर मधु ने बताया कि, इस तरह की जानकारी हमें परिवार और स्कूल में भी नहीं मिलती है. कार्यशाला के दौरान शीरोज टीम के सदस्य मधु , गीता रुकैया, खुशबू, डॉली, सना, अधिवक्ता प्रमिला शर्मा उपस्थित रहीं. कार्यशाला का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवादन जर्नी टू रूट्स संस्था की इरम ने किया.
छाँव फाउंडेशन के संस्थापक आलोक दीक्षित ने बताया कि, महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ महिला यौन शिक्षा पर आधारित यह कार्यशाला बेहद महत्त्वपूर्ण व् आवश्यक भी है. बेकोज़ बेको संस्था पिछले पांच साल से हिंदी , अंग्रेजी के साथ साथ स्पेनिश भाषा को पढ़ने का काम कर रही है. आज कैफ़े में आत्मविश्वास के साथ सर्वाइवर्स को अंग्रेजी व स्पेनिश बोलते देख मन गदगद होता ह. इसका श्रेय बेकोज़ बेको की इजासकुन को जाता है.
स्पेन की संस्था बेकोज़ बेको निदेशक इजासकुन ने बताया कि, भारत सहित तमाम देशों में महिलाएं यौन रोगों से ग्रसित हैं. इसलिए हम यौन शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने के लिए इस तरह की कार्यशाला आयोजित करते हैं. इसलिए हमने इनको प्रशिक्षित करने के लिए के लिए यह कार्यशाला आयोजित की है.
Hospital Universitario de Navarra (HUN) की नर्स मालेन ऐथथागिरे का कहना कि, आज भी दुनिया में महिलाओं की एक तिहाई आबादी माहवारी के दौरान कपडे का इस्तेमाल करती हैं. अपने शारीरिक अंगो व बिमारियों के प्रति जागरूक नहीं हैं. इसलिए हम महिला सशक्तिकरण के साथ साथ शिक्षा, माहवारी के दौरान सावधानिया व दोबारा उपयोग वाले सिलिकॉन कप्स का उपयोग करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम कर रही हैं.