World Club Foot Day (वर्ल्ड क्लब फुट डे) पर आगरा के जिला अस्पताल में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें डॉक्टर्स से बच्चों के साथ केक काटा. इसके साथ ही कार्यक्रम में बच्चों को डीपी स्पिलंट प्रदान किए गए.
आगरा, उत्तर प्रदेश.
World Club Foot Day: उत्ता प्रदेश में आगरा के जिला अस्पताल में शुक्रवार को वर्ल्ड क्लब फुट डे (World Club Foot Day) एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें डॉ.पॉन्सिटी का जन्मदिवस क्लब फुट से ग्रसित बच्चों के साथ में अस्पताल के डॉक्टरों ने केक काटकर मनाया. इस बीच क्लब फुट से ग्रसित बच्चों को डीबी स्प्लिंट (विशेष प्रकार के जूते) प्रदान किए गए. जिला अस्पताल में क्लब फुट के उपचार के बारे में बताया गया.
आगरा जिला अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख अधीक्षक डॉ.आरके अरोड़ा ने की. उन्होंने बताया कि क्लब फुट एक जन्मजात विकृति है, जो प्रत्येक 800 से 1000 जन्म लेने वाले बच्चों में से एक बच्चे में होता है. आगरा में प्रति माह लगभग 3 से 4 क्लब फुट से ग्रसित बच्चे जन्म लेते हैं. क्लब फुट (World Club Foot Day) से ग्रसित बच्चों के पैर अंदर की ओर मुड़ जाते हैं. उपचार न होने की दशा में ऐसे बच्चे दिव्यांगता का शिकार हो सकते हैं.

देश के 139 जिला अस्पताल में सेवाएं दे रहा फाउंडेशन
आगरा जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ.आरके अरोड़ा ने बताय कि ऐसे बच्चों का इलाज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के तहत आगरा जिला अस्पताल में अनुष्का फाउंडेशन की ओर से प्रत्येक शुक्रवार को विशेष कैंप लगाकर किया जाता है. अनुष्का फाउंडेशन के कार्यक्रम प्रबंधक डॉ.राज कुमार राजावत ने बताया कि अनुष्का फाउंडेशन भारत के 139 जिलों में जिला चिकित्सालयों के सहयोग से ऐसे बच्चों को निशुल्क इलाज उपलब्ध करा रहा है. आगरा में विगत 5 वर्षों में लगभग 300 बच्चों को उपचार उपलब्ध कराकर जन्मजात विकृति से मुक्ति दिलाई गई है.
फ्री में किया जा रहा बच्चों का उपचार
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर रमाकांत शर्मा ने बताया कि जन्मजात विकृति के साथ पैदा होने वाले बच्चों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के तहत जिला अस्पताल व उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अनुबंधित अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि क्लब फुट से पीड़ित बच्चों को प्लास्टर, ऑपरेशन और विशेष प्रकार के डीबी स्प्लिंट समेत अन्य नि:शुल्क व्यवस्था की जाती हैं. बच्चों के परिजनों से आह्वान किया कि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ दिलाया जाए, ताकि आने वाले नौनिहाल स्वस्थ रहे और उन्हें किसी भी प्रकार की दिव्यांगता से बचाया जा सके.
तीन चरण में किया जाता है उपचार
जिला चिकित्सालय आगरा के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. शशि कुमार ने बताया कि इस जन्मजात विकृति का इलाज तीन चरणों में किया जाता है. पहले चरण में बच्चों को पॉप कास्टिंग की जाती है. जिसमें हर हफ्ते बच्चों को प्लास्टर लगाकर उसके पैरों को थोड़ा-थोड़ा सीधा किया जाता है. इस चरण में बच्चों को चार से पांच कास्ट में ठीक कर दिया जाता है. दूसरे चरण के दौरान टिनोटमी की जाती है. यह एक बहुत ही छोटा चीरे का ऑपरेशन विधि है. इसमें एडी के पास एक छोटा चीरा लगाकर टिनोटमी की जाती है. जिससे बच्चे का पंजा पूरी तरह से चलने लगता है. तीसरे चरण में बच्चों को विशेष प्रकार के जूते और बार दिए जाते हैं. जिन्हें डीबी स्प्लिंट कहा जाता है. यह अनुष्का फाउंडेशन के ओर से बच्चों को निशुल्क मिलता है. इन्हें बच्चे लगातार 3 महीने तक पहनते हैं. उसके बाद केवल रात में पहनकर सोना होता है. इसे दोबारा उनके पंजे अंदर की ओर नहीं मुड़ते हैं.
एक साल में 74 बच्चों का उपचार
जिला चिकित्सालय आगरा के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. शशि कुमार ने बताया कि क्लब फुट डे (World Club Foot Day) के उपलक्ष्य में किए गए कार्यक्रम में 17 बच्चों को डीबी स्प्लिंट विशेष प्रकार के जूते और बार दिए गए. आठ बच्चों को प्लास्टर किया गया. अब तक एक साल में 74 बच्चों का इलाज किया जा चुका है. कार्यक्रम में अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बीके गुप्ता, डॉ. शशि कुमार, डॉ. सीपी वर्मा, डॉ. अंकित कपूर समेत अन्य मुख्य रूप से उपस्थित रहे.