World No Tobacco Day: तंबाकू की बात करें तो भारत दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. भारत में 15 साल की उम्र से किशोर तंबाकू का सेवन शुरू कर देते हैं. जिससे ही भारत में मुंह के कैंसर के लगभग 90% मामले तंबाकू सेवन से जुड़े होते हैं.
नई दिल्ली.
World No Tobacco Day: आज 31 मई है. दुनिया में यह दिन हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है. देश और दुनिया में तंबाकू की लत से छुटकारा दिलाने को खूब चेतावनी दी जा रही हैं. हर तंबाकू उत्पाद पर चेतावनी वाले लेबल, बैन से लेकर सख्त कानून तक जानकारी है. इसके बावजूद हर साल लाखों लोगों की जान तंबाकू के सेवन से होने वाली तमाम बीमारियों से हो रही है. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के मुताबिक, भारत में 42 फीसदी पुरुष और 14 फीसदी महिलाएं तंबाकू का उपयोग करती हैं. तमाम रिसर्च में दावा किया गया है कि भारत में पाए जाने वाले मुंह के कैंसर के लगभग 90% मामले तंबाकू सेवन से जुड़े होते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत की बात करें तो 15 साल से अधिक उम्र के 26 करोड़ लोग अलग-अलग तरह से तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं. इतना ही नहीं, देश में तंबाकू की वजह से हर साल 13 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया भर में 5 ट्रिलियन से ज्यादा सिगरेट की खपत होती है. यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है. यदि एटलस की रिपोर्ट की मानें तो दुनिया भर में प्रति वर्ष 66 लाख टन तंबाकू का उत्पादन होता है. जिसमें चीन और भारत विश्व के कुल 50% से अधिक का उत्पादन करते हैं.

तंबाकू के सेवन से डीएनए में नुकसान (Damage to DNA due to tobacco consumption)
‘द लैंसेट’ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, 2050 तक धूम्रपान की दर 5% रह जाए तो पुरुषों की जीवन प्रत्याशा एक साल और महिलाओं की 0.2 साल तक बढ़ सकती है. इस बारे में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के विशेषज्ञ बताते हैं कि तंबाकू से कैंसर के अलावा प्रजनन स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है. इसके साथ ही इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरएस) की रिसर्च के मुताबिक, सभी प्रकार की तंबाकू में कैंसरजन्य तत्व पाए जाते हैं। इनमें एन-नाइट्रोसामाइन और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन जैसे रसायन शामिल हैं, जो डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं.