नई दिल्ली.
मोटापा सेहतमंद या अच्छे खानपान का लक्षण नहीं. यह एक बीमारी है. देश में महिलाएं और बच्चे अधिक मोटे हो रहे हैं. सन 2035 तक भारत में 11 फीसद लोग मोटापे की चपेट में आने की आशंका है. ऐसे में महिलाएं और बच्चों को लेकर अधिक सावधान होने की जरूरत है. क्योंकि, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2019 21 के नतीजों के मुताबिक, देश में महिलाएं हाई रिस्क की श्रेणी में हैं.
वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन (World Obesity Federation) की एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2035 तक मोटापे के शिकार लोगों की दर 11 फीसद हो जाएगी. सन 2020 से सन 2035 के दौरान वयस्कों के मोटे होने में 5.2 फीसद की सालाना वृद्धि होगी.
लड़कियों के लिए खतरा 7 फीसद
वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस 2023 (World Obesity Atlas 2023) नामक रिपोर्ट के मुताबिक, सन 2020 में भारत में लड़कों में मोटापे का जोखिम तीन फीसद था. जो सन 2035 तक 12 फीसद तक बढ़ जाएगा. जबकि, देश की बात करें तो लड़कियों के लिए जोखिम 2020 में दो फीसद था. मगर, अगले 12 साल में यह बढ़ कर सात फीसद होने की संभावना है. मोटापे की वजह से देश की राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (national gross domestic product) यानी जीडीपी पर 1.8 फीसद तक प्रभाव पड़ने की आशंका है.
वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन (World Obesity Federation) के अध्यक्ष प्रो. लुईस बाउर बताते हैं कि, यह रिपोर्ट एक स्पष्ट चेतावनी है कि, यदि हम आज मोटापा दूर करने में विफल रहते हैं तो हमें भविष्य में गंभीर नतीजे भुगत होंगे. इससे सबसे ज्यादा ध्यान हमें बच्चों और किशोरों के मोटापे को लेकर देना है. क्योंकि, जिस तेजी से बच्चे और किशोर मोटापे की चपेट में आ रहे हैं. यह चिंता का विषय है.
पांच साल तक के बच्चे
कैटेगिरी | 2019-21 | 2015-16 |
उम्र के मुताबिक कम वजन | 26.2 | 34.8 |
लंबाई के मुताबिक ज्यादा वजन | 1.2 | 3.4 |
15 से 49 उम्र की महिलाएं
कैटेगिरी | 2019-21 | 2015-16 |
बीएमआई के मुताबिक वजन | 15.4 | 19.3 |
ज्यादा वजन या ओवरवेट | 25.2 | 21.5 |
हाई रिस्क वेस्ट एंड हिप | 58.6 | 00.0 |
दवाओं का कारोबार बढ़ा
आगरा फार्मा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पुनीत कालरा के मुताबिक, मोटापे की दवाओं का कारोबार हर साल बढ रहा है. एलोपैथी में सिर्फ एक ड्रग की टैबलेट का राज है. यह ओरली स्टेट ड्रग है. जिसकी 90 प्रतिशत बिक्री है. इसके साथ ही तमाम तरह की सीरप या दवाएं ऑनलाइन बिक्र रही हैं.
कसरत और खानपान में सुधार जरूरी
एसएनएमसी के प्रो. डॉ. प्रभात अग्रवाल बताते हैं कि, तमाम लोग यह सोचते हैं कि दवाओं, हर्बल टी, आयुर्वेदिक औषधियों से मोटापा कम हो जाएगा. यह बहुत बड़ी गलतफहमी है. ये दवाएं अपनी जगह असर करती हैं. लेकिन, जंक फास्ट फूड, मैदा, तला भुना खाना बंद करें. फायबर डायट लें. इसके साथ ही सबसे अहम यह है कि, बात कि रोज चार किलोमीटर तेज चलें. जिससे मोटापे को मात दे पाएंगे.