वेद और उपनिषद में योग और आयुर्वेद का जिक्र है. ऋषि, मुनि, राजा और वीर य़ोद्धा भी खुद को हेल्दी और फिट रखने के लिए नियमित योगाभ्यास करते थे. जिससे बीमारियों भी दूर भागती हैं. वैसे हमारे शरीर के अलग-अलग अंग व समस्या के लिए अलग-अलग योगासन हैं. mobycapsule.com इस आर्टिकल में कैसे करें और इसके फायदे बताएंगे.
mobycapsule.com ने योगाचार्य धर्मेंद कुमार पाराशर से भुजंगासन पर बात की. योगाचार्य धर्मेंद्र कुमार पाराशर बताते हैं कि, भुजंगासन के अनेक फायदे हैं. यही एक ऐसा योगासन है, जिससे पैर की उंगलियों से लेकर सिर तक शरीर के तमाम अंगों के लिए लाभदायक हैं. भुजंगासन का नियमित अभ्यास करने से पीठ दर्द कम होता है. भुजंगासन से किडनी की पथरी और थायराइड जैसी गंभीर बीमारी में फायदा होता है.
रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद
योगाचार्य धर्मेंद्र कुमार पाराशर बताते हैं कि, भुजंगासन करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है. इससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है. भुजंगासन करने से रीढ़ की हड्डी स्ट्रेच करने से रीढ़ और पीठ का एरिया मजबूत होता है.
किडनी की पथरी में उपयोगी

योगाचार्य धर्मेंद्र कुमार पाराशर बताते हैं कि, किडनी की पथरी की समस्या में भुजंगासन बहुत फायदेमंद है. नियमित भुजंगासन करने से किडनी पर जोर पड़ता है. इससे किडनी में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं. जिससे किडनी की कार्य क्षमता सुधारती है.
पीठ दर्द में फायदेमंद भुजंगासन
योगाचार्य धर्मेंद्र कुमार पाराशर बताते हैं कि, भुजंगासन करने से पीठ से जुड़ी परेशानियों में फायदा होता है. पीठ दर्द की समस्या दूर होती है. कुछ दिनों तक रोजाना भुजंगासन करने से कमर दर्द की समस्या और पीठ दर्द में फायदा मिलता है.
थायरॉयड में बहुत फायदेमंद
योगाचार्य धर्मेंद्र कुमार पाराशर बताते हैं कि, थायरॉयड की समस्या में भुजंगासन बहुत फायदेमंद है. भुजंगासन करने से गले की मांसपेशियों और थायरॉयड ग्रंथि हेल्दी रहती है. भुजंगासन करने से थायरॉयड के साथ-साथ पैराथायरायड ग्रंथियों भी ठीक रहती है.
मेटाबॉलिज्म सुधारने में फायदेमंद
योगाचार्य धर्मेंद्र कुमार पाराशर बताते हैं कि, मेटाबॉलिज्म सुधारने में भुजंगासन बहुत फायदेमंद है. एनसीबीआई की एक रिसर्च में शरीर के मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं.
वजन संतुलित रखने में उपयोगी
योगाचार्य धर्मेंद्र कुमार पाराशर बताते हैं कि, भुजंगासन करने से शरीर का वजन संतुलित रखता है. इसके अभ्यास से पेट की मांसपेशियों को खिंचाव मिलता है. जिससे पेट की एक्स्ट्रा चर्बी बर्न होती है. इसका रोजाना अभ्यास करने से मोटापा की समस्या से मुक्त होती है.
अस्थमा में फायदेमंद भुजंगासन
योगाचार्य धर्मेंद्र कुमार पाराशर बताते हैं कि, अस्थमा की समस्या में भी भुजंगासन फायदेमंद माना जाता है. कई रिसर्च में इसकी पुष्टि हुई है. भुजंगासन करने से सायटिका के दर्द और अस्थमा की समस्या में होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
भुजंगासन का अभ्यास करने का तरीका (Steps To Do Bhujangasana)
- सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल सीधे लेट जाएं.
- हाथों को सिर के दोनों तरफ जमीन से टिकाकर रखें.
- अब अपनी हथेलियों को अपने कंधों के बराबर लेकर आएं.
- गहरी लंबी सांस लेकर अपने दोनों हाथों को जमीन पर दबाएं.
- इसके साथ ही अपने शरीर को नाभि तक ऊपर उठाएं.
- पहले सिर, छाती और पेट वाले हिस्से को ऊपर उठाएं.
- सिर को ऊपर की तरफ सांप के फन की तरह से खींचें.
- इसी पोजीशन कुछ देर रहकर पहले वाली स्थिति में आएं.
- आप एक बार में 3 से 7 बार इसका योगासन करें.
यह शारीरिक परेशानी होने पर न करें भुजंगासन
वैसे तो भुजंगासन करने से शरीर के सभी अंगों मजबूत होते हैं. मगर, जिन लोगों के गर्दन और कमर में दर्द, हर्निया, पीठ में चोट, सिरदर्द और पेट में सर्जरी या चोट लगी है तो भुजंगासन नहीं करें. हमेशा पहली बार भुजंगासन करते समय योगाचार्य या एक्सपर्ट की मदद जरूर लें.